झारखंड : चुनावी पोस्टरों का प्रमुख चेहरा, लेकिन अब आलमगीर ने इंडिया गठबंधन की बढाईं मुश्किलें
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झारखंड : चुनावी पोस्टरों का प्रमुख चेहरा, लेकिन अब आलमगीर ने इंडिया गठबंधन की बढाईं मुश्किलें

Alamgir Alam: झारखण्ड की कुल 14 लोकसभा सीटों में से महज चार सीटों पर चुनाव हुए हैं. आगे के तीन चरणों में दस सीटों पर मतदान होने हैं. लेकिन इस बीच कैबिनेट मंत्री आलमगीर आलम की गिरफ्तारी ने'इंडिया' गठबंधन की मुश्किलें बढ़ा दी है.

 

झारखंड : चुनावी पोस्टरों का प्रमुख चेहरा, लेकिन अब आलमगीर ने इंडिया गठबंधन की बढाईं मुश्किलें

Jharkhand Lok Sabha Elections 2024: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मौजूदा सीएम चंपई सोरेन की सरकार में नंबर-दो की हैसियत रखने वाले आलमगीर आलम की बुधवार को प्रवर्त्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया है. 60 साल के कैबिनेट मंत्री की गिरफ्तारी के बाद राज्य में झामुमो की अगुआई वाली'इंडिया' गठबंधन को तगड़ा झटका लगा है.

झारखण्ड की कुल 14 लोकसभा सीटों में से महज चार सीटों पर चुनाव हुए हैं. आगे के तीन चरणों में दस सीटों पर चुनाव होने हैं. माना जा रहा है कि भ्रष्टाचार का यह मामला 'इंडिया' गठबंधन के लिए गले की हड्डी की बन सकती है. खासकर चुनावी कैंपेन के दौरान महागठबंधन को परेशानी का सबब बनेगा.

कांग्रेस का प्रमुख चेहरा
आलमगीर आलम झारखंड में कांग्रेस का प्रमुख चेहरा रहे हैं. स्टेट गवर्नमेंट में मंत्री के साथ-साथ वह झारखंड विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता भी हैं. चुनावी बैनरों-पोस्टरों में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ उनकी तस्वीरें प्रमुखता से लगाई जाती हैं.

पहले से जांच के घेरे में
तीन दिन पहले चतरा संसदी क्षेत्र में जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे, तब भी मंच के बैकग्राउंड में आलमगीर आलम की तस्वीर प्रमुखता के साथ दिखाई गई थी. आलम राज्य विधानसभा के स्पीकर भी रह चुके हैं. स्पीकर रहते हुए विधानसभा में गैर-कानूनी नियुक्तियों के मामले में भी वह आरोपों के घेरे में रह चुके हैं. इसके अलावा साहिबगंज जिले के बड़हरवा में टेंडर से जुड़े एक विवाद में मनी लॉन्ड्रिंग का एंगल सामने आने के बाद ईडी ने आलमगीर आलम समेत 11 लोगों के खिलाफ साल 2022 में एक केस दर्ज किया था. इस मामले की भी जांच चल रही है.

क्या है पूरा मामला?
6-7 मई को आलमगीर आलम के पीएस संजीव कुमार लाल और उनके घरेलू नौकर जहांगीर आलम समेत दूसरे करीबियों के घरों पर ED ने छापेमारी कर 37 करोड़ से ज्यादा नगद जब्त किया था. इसके बाद ईडी ने पुख्ता सबूतों के बुनियाद पर मंगलवार को तकरीबन साढ़े नौ घंटे और बुधवार को 6 घंटे तक उनसे पूछताछ की.

 ऐसा सियासी कद
पूछताछ के दौरान ईडी इस नतीजे पर पहुंची कि भ्रष्टाचार के इस मामले में उनकी सीधी संलिप्तता है. आलमगीर आलम झारखंड के साहिबगंज जिले के बड़हरवा प्रखंड के इस्लामपुर गांव के रहने वाले हैं. वह  झारखंड विधानसभा में पाकुड़ सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं.

1954 में जन्मे आलमगीर आलम ने BSc तक पढ़ाई की है. वह चार बार MLA चुने गए हैं. उन्होंने अपने सियासी करियर की शुरुआत साल 1978 में गृह पंचायत महाराजपुर से सरपंच पद से की थी. उनका ताल्लुक सियासी परिवार से रहा है. उनके चाचा कांग्रेस के टिकट पर विधायक रह चुके थे.  साल 2000 में आलगीर आलम पहली विधायक बनए.  उस समय झारखंड संयुक्त बिहार का हिस्सा था.  इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. वह  साल 2005, 2014 और 2019 में भी चुनाव जीता. वह 20 अक्टूबर 2006 से 12 दिसंबर 2009 तक झारखंड विधानसभा के स्पीकर भी रहे.

 

 

 

 

 

 

 

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