Punjab: गरीब पिता की बेबसी, घर में ही दफनाया बेटे का शव, 5 दिन बाद ऐसे हुआ अंतिम संस्कार
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Punjab: गरीब पिता की बेबसी, घर में ही दफनाया बेटे का शव, 5 दिन बाद ऐसे हुआ अंतिम संस्कार

Patiala News: एक गरीब और बेबस पिता अपने 17 साल के बेटे को खो दिया, लेकिन पैसे नहीं होने की वजह से उसका अंतिम संस्कार तक नहीं कर पाया. मजबूरन लाचार बाप ने बेटे के शव को घर के आंगन में ही दफना दिया. 

 

Punjab: गरीब पिता की बेबसी, घर में ही दफनाया बेटे का शव, 5 दिन बाद ऐसे हुआ अंतिम संस्कार

Punjab News: गरीबी इंसानों को ना चाहते हुए भी कुछ भी करने को मजबूर कर देती है. आए दिन खबरें आती रहती हैं कि मुफलिसी की वजह से आदमी अपने परिवार के लोगों का अंतिम संस्कार भी नहीं कर पाया. अब कुछ इसी तरह का मामला पंजाब से सामने आया है.

एक गरीब और बेबस पिता अपने 17 साल के बेटे को खो दिया, लेकिन पैसे नहीं होने की वजह से उसका अंतिम संस्कार तक नहीं कर पाया. मजबूरन लाचार बाप ने बेटे के शव को घर के आंगन में ही दफना दिया. झकझोर देने वाला ये मामला पटियाला जिले के बडूंगर इलाके की है.  जय जवान कॉलोनी के रहने वाले 2 बहनों के इकलौते भाई की मौत 5 दिन पहले हो गई थी.

'बेबस पिता ने किसी आगे हाथ फैलाना सही नहीं समझा'
पटियाला जिले के बंगडूर के इलाके के रहने वाले भगवान दास माली का 17 साल का बेटा जिसका नाम लवी था, पिछले कई साल से मानसिक परेशानियों से जूझ रहे थे. करीब दो महीने कबल किसी गाड़ी ने टक्कर मार दी, जिससे वो बुरी तरह से जख्मी हो गया था. पिता के पास पैसे नहीं होने की वजह से बेटे का इलाज नहीं करा पाए और बीते रविवार को लवी की मौत हो गई. पिता के पास इतना पैसा नहीं था वो अपने बेटे का अंतिम संस्कार कर सके. बेबस पिता ने किसी आगे हाथ फैलाना सही नहीं समझा और अंत में बेटे को घर के आंगन में गड्ढे खोदर दफना दिया. 

5 दिन बाद रिश्तेदारों ने शव को बाहर निकाला
जब इस मामले की खबर भगवान दास माली के रिश्तेदारों को चला तो उन्होंने आस-पास  के लोगों के मदद से शव को बाहर निकाला और सिविल लाइन थाने में रिश्तेदारों ने इस मामले की हलफिया बयान दर्ज कराया.

वहीं, एसएचओ हरजिंदर सिंह ढिल्लों ने बताया कि लड़के की मौत प्राकृतिक थी, इस लिए उन्होंने संबंधियों के हलफिया बयान दर्ज कर लिए हैं.

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