Raj Babbar को 26 साल पुराने केस में हुई 2 साल की सजा; जानिए क्या था पूरा मामला
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Raj Babbar को 26 साल पुराने केस में हुई 2 साल की सजा; जानिए क्या था पूरा मामला

Raj Babbar Case: राज बब्बर को एमपी एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाई है. जानकारी के मुताबिक यह मामला 1996 का है. उस वक्त राज बब्बर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हुआ करते थे. उस वक्त मतदान अधिकारी ने उनके खिलाफ केस दर्ज कराया था. 

Raj Babbar को 26 साल पुराने केस में हुई 2 साल की सजा; जानिए क्या था पूरा मामला

Raj Babbar Case: राज बब्बर को एमपी एमएलए कोर्ट ने सुनाई दो साल की सज़ा. आपको बता दें उनको यह सजा 26 साल पुराने मामले में सुनाई गई है. जानकारी के मुताबिक राज बब्बर  ने एक मतदान अधिकारी की पिटाई कर दी थी. इसी मामले को लेकर  2 मई 1996 में मतदान अधिकारी ने वजीरगंज में दर्ज कराई थी एफआईआर. उस वक्त राज बब्बर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार थे.

राज बब्बर को 2 साल की  सजा और जुर्माना भी

जानकारी के मुताबिक पूर्व एक्टर और राजनेता राज बब्बर को एमपी/एमएलए कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है. इसके अलावा  8500 रुपयो का जुर्माना भी लगाया है. आपको बता दें फिलहाल राज बब्बर कांग्रेस के लीडर हैं, और वह कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. जानकारी के मुताबिक राज बब्बर इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकते हैं.

जानें पूरा मामला

आपको बता दें यह मामला 26 साल पुराना यानी 1996 का है. उस वक्त राज बब्बर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हुआ करते थे. पोलिंग ऑफिसर श्रीकृष्ण सिंह राणा ने दो मई, 1996 को थाना वजीरगंज में राज बब्बर समेत कई और लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया था कि राज बब्बर अपने समर्थकों के साथ पोलिंग स्टेशम में घुसे और ड्यूटी पर मौजूद अधिकारियों से बुरा व्यव्हार और मारपीट की. इसके अलावा उन्होंने कहा कि बब्बर और उनके समर्थकों ने सरकार काम में बाधा पहुंचाई. इस मारपीट के दौरान कई पोलिंग एजेंट्स को चोंटें आईं थीं.

23 मार्च 1996 में केस की विवेचना के बाद राजब्बर के खिलाफ धारा 143, 332, 353, 504, 323 और 188 के तहत अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया. जिस पर कोर्ट ने आज यानी गुरुवार के दिन फैसला सुनाया है. आपको राज बब्बर 80 की दशक की कई फिल्में में अभिनय कर चुके हैं. जिसके बाद उन्होंने 1989 में वीपी सिंह के नेतृत्व में जनता दल में शामिल हो गए थे. जिसके बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थामा था. 

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