मोहम्मद जुबैर, नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल का एक जैसा जुर्म तो कार्रवाई सिर्फ एक पर ही क्यों?
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मोहम्मद जुबैर, नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल का एक जैसा जुर्म तो कार्रवाई सिर्फ एक पर ही क्यों?

Mohd Zubair Alt News: मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी और पुलिस की कार्रवाई को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं, लोग कह रहे हैं कि आखिर क्यों उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है? अगर जुबैर 2018 के मामले में कुसूरवार है तो फिर नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल भी इस कार्रवाई का सामना करने के हकदार हैं.

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Mohammed Zubair: गुज़िश्ता रोज़ ऑल्ट न्यूज के पत्रकार मोहम्मद जुबैर को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उनके ऊपर धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप है. पिछले दिनों भाजपा नेता नूपुर शर्मा के पैगंबर हज़रत मोहम्मद साहब को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद से जुबैर चर्चा में आए थे. कहा जा रहा था कि नूपुर शर्मा के विवादित बयान की क्लिप शेयर करने वाले जुबैर ही थे और इस मुद्दे को अन्य मुस्लिम देशों तक पहुंचाने में जुबैर का बड़ा हाथ था. जुबैर को लेकर दावा किया जा रहा है कि उन्होंने ही नूपुर के विवादित बयान को अरबी भाषा में ट्रांस्लेट कर अरब देशों तक पहुंचाया था. जिसके बाद यह मामला दुनिया भर में छा गया. 

किस मामले में गिरफ्तार हुए जुबैर?

हालांकि ज्यादातर लोगों को यही लग रहा है कि जुबैर को नूपुर शर्मा के बयान को इतनी जोर-शोर से पेश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है लेकिन ऐसा नहीं है. उन्हें 2018 के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि जुबैर के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिलने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया है. जुबैर पर पुलिस ने आरोप लगाया है कि उन्होंने एक विवादित तस्वीर शेयर की थी. एक मज़हब के देवी-देवताओं का अपमान किया था. जुबैर का यह ट्वीट साल 2018 का था. जिसके चलते उन्हें गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. 

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किन धाराओं के तहत हुई जुबैर पर कार्रवाई

जुबैर को दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) के की धारा 153 और 295ए के तहत गिरफ्तार किया गया है. आईपीसी की ये धाराएं क्या कहता हीं और इन धाराओं के तहत क्या क्या प्रावधान हैं, कितनी सजा दी जा सकती है. हम आपके बताने जा रहे हैं. 

धारा 153A क्या है

आईपीसीसी की धारा 153ए में है कि जब कोई व्यक्ति अवैध यानी गैर कानूनी बात करके किसी दूसरे शख्स को बदनियती यानी द्वेषभाव के ज़रिए ऐसा करता है जिससे समुदायों के बीच सद्भाव खत्म होता है, खुशहाली भंग होती हो, तो उसके खिलाफ इस धारा के तहत के मुकदमा दर्ज किया जाता है. इस धारा दो और भी बातें यह हैं कि अगर आरोपी के बयान से उपद्रव हो जाता है तो उसे किसी भी अवधि के लिए जेल भेजा जा सकता है. ज्यादा से ज्यादा एक साल तक के लिए मुजरिम को जेल भेजा सकता है. इसके अलावा कुछ जुर्माना भी लगाया जा सकता है. या फिर दोनों सजाएं भी दी जा सकती हैं. वहीं अगर उपद्रव नहीं हुआ तो फिर इसकी सजा में कुछ कमी हो जाती है. जैसे कि ज्यादा से ज्यादा जेल 6 महीने को हो सकती है. इसके अलावा सिर्फ जुर्मान या फिर जुर्मा और जेल दोनों भी सकते हैं. 

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क्या है धारा 295A

धारा 295A तब लागू होती जब किसी व्यक्ति ने हिंदुस्तान समाज के किसी धर्म या विश्वास का अपमान करता है. या फिर जानबूझकर धार्मिक भावनाएं भड़काता है या इससे संबंधित कोई वक्तव्य देता है तो 295A के तहत कार्रवाई की जाती है. 295A के दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा 2 साल की सजा या फिर जुर्माना लगाया जा सकता है. इसके अलावा कारावास की सजा और जुर्माना दोनों भी लगाए जा सकते हैं. 

आज़ाद क्यों घूम रहे हैं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल

जुबैर पर इन धाराओं के तहत कार्रवाई होने के बाद अपोज़ीशन नेताओं और सोशल मीडिया यूजर्स ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि जिस जुर्म में जुबैर को गिरफ्तार किया गया है वही जुर्म नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल जैसे नेताओं ने भी किया है. उन्होंने भी मुसलमानों के धार्मिक जज्बात को भड़काया था. तो उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई. क्यों दोनों नेता आजाद घूम रहे हैं. अगर इन दोनों नेताओं ने कोई जुर्म नहीं किया था तो उन्हें भाजपा से बाहर क्यों किया गया? इस तरह के भड़काऊ बयान देने वाले ये सिर्फ दो नेता नहीं हैं, बल्कि इनसे पहले भी कई भाजपा नेताओं ने इस तरह के बयान दिए हैं. ऐसे में यूजर्स सरकार और प्रशासन से सख्त सवाल कर रहे हैं. 

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