Bachpan Ke Khel: आपने अपने बचपन में कौन-कौन से खेल खेले हैं, जो आज के बच्चे जानते भी नहीं
Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Sep 27, 2023
रस्सी कूद
आज शहरी व खास तौर से वजन घटाने के लिए रस्सी कूद की जाती है. जबकि गांवों में यह परंपरागत खेल के रूप में आज भी जीवित है.
कित-कित
यह खेल लड़कियों का फेवरेट होता था. घर के आंगन, मैदान या कहीं और कई चाक या फिर ईंट के टुकड़े से लाइन खींच कर खाने बनाये जाते हैं. फिर चपटे पत्थर को एक पैर पर खड़े रहकर बिना लाइन छुए कूदना पड़ता है.
चोर-पुलिस
यह खेल बड़ा मजेदार होता है. इसमें दो टीमें खेलती हैं. एक पुलिस की भूमिका में होती है और दूसरी चोर की भूमिका में. यह खेल बिलकुल सच वाले चोर-पुलिस की तरह होता है.
आंख-मिचौली
इसमें एक प्रतिभागी की आंखों पर पट्टी बांध दी जाती है और उसे अनुमान से दूसरे को पकडऩा होता है.
पिट्ठू
कभी पिट्ठू का खेल बच्चों में बहुत लोकप्रिय हुआ करता था. इस खेल में दो टीमें होती हैं, एक बॉल होती है और सात चपटे खपरैल, जिन्हें एक के ऊपर एक रख दिया जाता है. एक खिलाड़ी बॉल से पत्थरों को गिराता है.
लट्टू
कभी लट्टू भारत का सबसे लोकप्रिय खेल था. यह अभी भी उत्तर भारत के शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में खेला जाता है.
पहिया गाड़ी
जिन बच्चों को साइकिल नहीं मिलती थी, वे बेकार पहिया को गाड़ी बनाकर खेलते थे और कम्पटीशन में चलाते थे.
चोर-सिपाही-राजा-मंत्री
ये अनोखा गेम रहा है. जीतने पर दोस्तों से पार्टी लेने का अपना अलग ही मजा था. साथ ही जो चोर होता था उसमें एक अलग ही डर होता था.
गिल्ली-डंडा
ग्रामीण क्षेत्रों में गिल्ली-डंडा सबसे लोकप्रिय खेल है. गिल्ली एक स्पिंडल के आकार की होती है. साथ में होता है एक छोटा सा डंडा. गिल्ली के एक सिरे को डंडे से मारा जाता है.