मालपुआ एक ऐसी डिश है जो होली के अवसर पर बिहार के हर घरों में बनाई जाती है. इसमें मैदा, दूध, खोया और सूखे फलों का उपयोग होता है, जो इसे बहुत ही मुलायम बनाते हैं. इसे गरमा-गरम खाने से स्वाद दोगुना हो जाता है.
बिहार की दाल पुरी दुनिया भर में प्रसिद्ध है. इसलिए होली के मौके पर लोग इसे खाना बहुत पसंद करते हैं. इस पुरी में कई तरह के मसाले डालकर चने की दाल की फिलिंग डाली जाती है.
बिना इसके, होली की खुशबू कहां होती? बिहार में होली के अवसर पर ये पारंपरिक डिश बनाई जाती है। इसमें सूजी, मावा, खोया और सूखे फलों का उपयोग होता है.
होली के मौके पर शकरपारे भी बहुत बनाया जाता है. खासकर बच्चों को यह पसंद होता है. लोग होली पर इसे सुबह के नाश्ते से लेकर शाम के स्नैक्स तक में खाते हैं.
होली के दिन बिहार के हर घर में केले का पुआ भी बनाया जाता है. इसे केले को मैश करके तैयार किया जाता है और घर आए मेहमानों को परोसा जाता है.
बिहार का खाजा बहुत प्रसिद्ध है. इसलिए होली के मौके पर भी ये पारंपरिक डिश तैयार किया जाता है. इसमें आटा, खोया, चीनी और सूखे फलों का उपयोग होता है.
बिहार में होली के दिन कई तरह की कचौड़ियां भी बनाई जाती हैं. इनमें मूंग दाल की कचौड़ी से लेकर व्याज कचौड़ी तक होती हैं, जो गरमा-गरम चाय के साथ सर्व की जाती है.
होली मटन प्रेमियों के लिए बहुत ही खास होता है. यहां होली पर मटन बनाना एक शौक है. इसे सरसों के तेल और विभिन्न स्वादिष्ट मसालों से बनाया जाता है.
भारत में होली के मौके पर ठंडाई जरूर बनती है। इसके बिना तो होली अधूरी है. बिहार में भी इसे होली पर बनाया जाता है.
ये पारंपरिक डिश सिर्फ होली पर ही बनाई जाती है. इसे बनाने के लिए पकौड़ी में थोड़ी भांग मिलाई जाती है. यह डिश बच्चों को सर्व नहीं होती है.