Ganesh Chaturthi 2023: जानें आखिर क्यों बप्पा को नहीं चढ़ाई जाती तुलसी की पत्तियां? जानें क्या है पौराणिक कथा

Kajol Gupta
Sep 18, 2023

गणेश चतुर्थी

गणेश चतुर्थी का पर्व यानी गणपति बप्पा का जन्मोत्सव देशभर में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है.

गणपति बप्पा का जन्मोत्सव

इस साल गणपति बप्पा जी कल यानी 19 सितंबर को आ रहे है.

गणपति पूजा का विशेष महत्व

वहीं हिंदू धर्म में गणपति की पूजा का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि कोई भी शुभ कार्य की शुरुआत गणेश पूजा से की जाती है.

तुलसी अर्पित करना वर्जित

कहा जाता है कि गणेश जी की पूजा के दौरान भूलकर भी तुलसी की पत्तियों को अर्पित नहीं करना चाहिए. इसके पीछे का कारण एक पौराणिक कथा में बताया गया है.

पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान गणेश गंगा तट पर तपस्या कर रहे थे और उसी दौरान राजा धर्मात्मज की पुत्री तुलसी अपनी शादी की इच्छा से तीर्थ यात्रा पर निकली.

गणेश तपस्या करते हुए आए नजर

कई जगह घूमने के बाद तुलसी को गंगा किनारे भगवान गणेश तपस्या करते हुए नजर आए. उस वक्त गणपति रत्नों से जड़े हुए सिंहासन पर विराजमान थे. उनके सभी अंगों पर चंदन लगा हुआ था और गले में उनके स्वर्ण-मणि रत्नों की माला पड़ी हुई थी.

तुलसी मां ने रखा विवाह का प्रस्ताव

कमर पर रेशम का पीताम्बर लिपटा देखकर माता तुलसी ने गणेश जी से विवाह का मन बना लिया था और गणेश जी के पास तुलसी ने जाकर उनकी तपस्या भंग कर दी और उनसे सम्मुख विवाह का प्रस्ताव रखा दिया.

गणेश जी हो गए नाराज

तपस्या भंग होने के वजह से गणेश जी नाराज हो गए और उन्होंने तुलसी के विवाह प्रस्ताव को ठुकरा दिया और खुद को ब्रह्माचारी बतलाया.

तुलसी मां को आ गया गुस्सा

गणेश जी की बात सुनकर मां तुलसी को गुस्सा आ गया और उन्होंने गणेश जी को श्राप दे दिया. तुलसी माता ने कहा कि तुम ब्रह्माचारी नहीं रहोगे, बल्कि तुम्हारे दो विवाह होंगे.

गणेश जी ने भी तुलसी को दिया श्राप

ये श्राप सुनकर गणेश जी ने भी तुलसी को श्राप दे दिया और कहा कि उनका विवाह असुर के साथ होगा. गणेश जी का श्राप सुनते ही तुलसी जी ने गणेश जी से माफी मांगी.

गणेश जी ने कहा

इस माफी पर गणेश जी ने कहा कि मैं श्राप वापस नहीं ले सकता लेकिन तुम भगवान विष्णु और कृष्ण की प्रिय रहोगी और कलयुग में जगत को जीवन और मोक्ष देने वाली मानी जाओगी.

गणेश जी की पूजा में अर्पित करना अशुभ

इतना ही नहीं, सभी देवी-देवताओं के भोग में भी तुम्हें महत्त्व दिया जाएगा, लेकिन मेरी पूजा में तुलसी अर्पित करना अशुभ माना जाएगा. उसी दिन से भगवान गणेश की पूजा में तुलसी अर्पित करना वर्जित माना जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bihar Jharkhand इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)

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