शिव की साधना

हिंदू धर्म में भगवान शिव की साधना शीघ्र ही शुभ फल देने वाली मानी गई है.

Kajol Gupta
May 26, 2023

दो बार पड़ती है तिथि

हिंदी पंचांग के अनुसार हर माह में दो बार त्रयोदशी तिथि पड़ती है.

करें शिव शंकर और पार्वती जी की पूजा

इस दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है और भगवान शिव शंकर और माता पार्वती की पूजा की जाती है.

सबसे महत्वपूर्ण प्रदोष व्रत

इस यानी जून में शिव जी की कृपा पाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण प्रदोष व्रत 01 जून दिन गुरुवार को रखा जाएगा.

गुरुवार के दिन प्रदोष व्रत

इस दिन गुरुवार होने के वजह से इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाएगा.

इस समय हो रही शुरुआत

पंचांग के अनुसार इस साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 1 जून गुरुवार को दोपहर 01 बजकर 39 मिनट से हो रही है.

पूजा का मुहूर्त

गुरु प्रदोष व्रत को शिव पूजा का मुहूर्त शाम को 07 बजकर 14 मिनट से रात 09 बजकर 16 मिनट तक है.

अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त

इस बार शिव पूजा के समय अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त भी है, जो शाम 07 बजकर 14 मिनट से रात 08 बजकर 30 मिनट तक है.

व्रत और पूजा का लें संकल्प

इस दिन सुबह उठकर प्रात:काल स्नान करना चाहिए. इसके बाद साफ कपड़े पहनने चाहिए फिर भगवान का स्मरण कर व्रत और पूजा का संकल्प लें.

ये चीजें करें अर्पित

पूजा के दौरान भगवान को बेलपत्र, भांग, फूल, धतूरा, गंगाजल, धूप, दीप, गंध आदि आर्पत करें.

प्रदोष की कथा सुने

इसके बाद प्रदोष की कथा पढ़ें और फिर शिव जी की आरती करें.

ऐसे करें व्रत की शुरुआत

पूजा के दौरान शिवलिंग को गंगाजल और गाय के दूध से स्नान जरूर करांए और फिर व्रत की शुरुआत करें.

अंत में करें व्रत का समापन

अगले दिन र्योदय के बाद पारण करके व्रत का समापन करें.

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