त्रिदेव होते हुए भी सृष्टि के रचयिता ब्रह्म जी की क्यों नहीं होती पूजा?
K Raj Mishra
Sep 29, 2024
हिंदू धर्म में ब्रह्मा जी, विष्णु जी और शिव जी को त्रिदेव कहा जाता है. त्रिदेव ही इस सृष्टि का संचालन करते हैं.
भगवान ब्रह्मा इस सृष्टि के रचयिता हैं, तो भगवान विष्णु सृष्टि का पालन करते हैं और भगवान शिव सृष्टि के संहारक माने जाते हैं.
त्रिदेवो में भगवान विष्णु और भगवान शिव के काफी भक्त दिखते हैं, देश भर में इन दोनों के कई मंदिर हैं, लेकिन ब्रह्मा जी की पूजा नहीं की जाती.
क्या आप जानते हैं कि आखिर क्यों ब्रह्मा जी की पूजा नहीं की जाती और क्यों इनके मंदिर नहीं बनवाए जाते?
विष्णु पुराण के अनुसार, एक बार ब्रह्मा जी और विष्णु जी में श्रेष्ठता की होड़ मची. दोनों जिस प्रकाश स्तंभ से प्रकट हुए थे उसके छोर का पता लगाने के लिए चल दिए.
शर्तानुसार जो पहले छोर पर पहुंचेगा वही श्रेष्ठ होगा. ब्रह्मा जी ऊपरी छोर तो विष्णु जी नीचे की ओर जा रहे थे. दोनों असफल साबित हो रहे थे.
तभी ब्रह्मा जी को रास्ते में केतकी का फूल मिला. ब्रह्मा जी ने उससे छोर का अंत पूछा, लेकिन उसे भी नहीं पता था. तब ब्रह्मा जी ने एक झूठ बोला.
केतकी के फूल को लेकर ब्रह्मा जी वापस लौट आए. विष्णु जी भी थककर वापस आ गए. ब्रह्मा जी ने विष्णु जी से कहा कि वह छोर तक पहुंच गए थे.
वहीं से यह फूल (केतकी का फूल) भी साथ लाए हैं. विष्णु जी ने उनको श्रेष्ठ मानकर उनकी पूजा शुरू कर दी. तभी वहां शंकर जी उत्पन्न हुए.
ब्रह्मा जी के झूठ पर शंकर जी ने उन्हें श्राप दे दिया. तभी से ब्रह्मा जी और केतकी के फूल, दोनों की पूजा नहीं होती है.