Jharkhand Manda Puja: झारखंड में इस पूजा का है खास महत्व, दहकते अंगारों पर चलते हैं भोलेनाथ के भक्त

Nishant Bharti
Jun 10, 2024

भगवान शिव की पत्नी

झारखंड में की जानेवाली मंडा पूजा भगवान शिव की पत्नी सती के बलिदान की याद में की जाती है.

मंडा पूजा

झारखण्ड में भोलेनाथ को खुश करने के लिए नौ दिनों तक मंडा पूजा का आयोजन होता है.

दहकते अंगारे

इस पूजा के दौरान बुजुर्ग से लेकर बच्चे तक हर कोई दहकते अंगारे पर चलते हैं.

भगवान शिव

अंगारों पर चलने से पहले भगवान शिव की पूजा की जाती है और इस जगह की परिक्रमा की जाती है.

गंगा जल

पूजा की शुरुआत से पहले कलश से गंगा जल छिड़का जाता है.

मंडा पूजा का इतिहास

मंडा पूजा का इतिहास काफी प्राचीन है. कहा जाता कि कि इस परंपरा की शुरुआत नागवंशी राजाओं ने की थी.

पूजा में शामिल लोग

इस पूजा में दो तरह के लोग शामिल होते हैं, एक वो जिन्हें मन्नत मांगनी होती है, दूसरे वो जिनकी मन्नत पूरी हो जाती है.

भोक्ता

इस अनुष्ठान को करने के लिए जो भक्त तैयार होता है, उन्हें भोक्ता कहा जाता है.

फूलखुंदी

इस पूजा में आग पर चलने की रस्म को ‘फूलखुंदी’ कहते हैं.

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