Kanwar yatra 2024: 'बोल बम और डाक बम' में क्या है अंतर? कौन सी यात्रा है कठिन

Nishant Bharti
Jul 13, 2024

शिवभक्त

सावन के महीने में गेरुआ वस्त्र धारण कर, कांवड़ में जल लिए लाखों शिवभक्त नंगे पाव आपको सड़कों पर दिख जाएंगे.

बोल बम के जयकारे

कांवड़ यात्रा के दौरान भोलेनाथ के भक्त बोल बम के जयकारे लगाते हैं.

डाक बम कांवड़िया

तो दूसरी तरफ कुछ भक्त ‘डाक बम’ के भी जयकारे लगाते हुए मिल जाएंगे. ऐसे कांवड़ यात्रियों को डाक बम कांवड़िया कहा जाता है.

कांवड़ यात्रा

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सावन में दो प्रकार की कांवड़ यात्राएं होती है.

बोल बम की यात्रा

बोल बम की यात्रा में शिवभक्त आराम से रास्ते में रुकते हुए भोलेनाथ को जलाभिषेक करते हैं.

डाक बम यात्रा

वही दूसरी तरफ जो कहीं पर विश्राम नहीं करते. जल उठाने के बाद सीधे शिवालय पर ही अर्पण करते हैं. उन्हें डाक बम यात्री कहा जाता है.

डाक बम कांवड़ यात्रा

डाक बम कांवड़ियों को 24 घंटे के भीतर ही भोलनाथ पर जल चढ़ाना होता है.

डाक बम वस्त्र

डाक बम कांवड़ियों का सफर बेहद कठिन होता है. इनका वस्त्र गेरुआ नहीं बल्कि सफेद होता है.

डाक बम नियम

डाक बंम कांवड़िए अगर कहीं रुक जाते हैं तो उनकी यात्रा अपूर्ण और खंडित मानी जाती है.

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