Indian Sweet History: आजादी और भारत-पाकिस्तान विभाजन से जुड़ा हैं कलाकंद का इतिहास, जानें यहां
Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Jun 21, 2024
Kalakand
कलाकंद देश की सबसे स्वादिष्ठ मिठाइयों में से एक हैं. इसका इतिहास देश की आजादी और भारत-पाकिस्तान के विभाजन से जुड़ा है.
Jhumri Telaiya and Alwar
देश में दो जगह के कलाकंद को बहुत पसंद किया जाता है, पहला झुमरी तलैया और दूसरा अलवर.
Baba Thakur Das
कहा जाता है कि कलाकंद को सबसे पहले बाबा ठाकुर दास नामक व्यक्ति ने बनाया था.
Before Democracy
बताया जाता है कि बाबा ठाकुर दास आजादी और भारत-पाकिस्तान विभाजन से पहले पाकिस्तान वाले हिस्से में रहते थे, जहां उनकी मिठाई की दुकान थी.
Milk
लोगों का कहना है कि जब बाबा ठाकुर दास एक दिन अपनी दुकान में दूध उबाल रहे थे तो दूध फट गया. ठाकुर दास दूध को वेस्ट नहीं करना चाहते थे इसलिए उन्होंने दूध को उबलते ही छोड़ दिया.
Milk Texture
कुछ देर बाद दास ने देखा कि दूध में दाने बनने लगा है और उसका टेक्सचर काफी अच्छा हो गया है. इसके बाद दास ने दूध में चीनी डालकर उसे और भून लिया.
Tasty
मिठाई तैयार होने के बाद दास ने जिन लोगों को इसे टेस्ट करवाया उन्हें ये काफी स्वादिष्ठ लगा. लोगों ने दास से जब मिठाई का नाम पूछा तो दास ने इसका नाम कला बताया.
Kala
कला से मिठाई का नाम कलाकंद परा और इसी तरह स्वादिष्ठ मिठाइ कलाकंद की उत्पत्ति हुई.
Rajasthan
आजादी और विभाजन के बाद बाबा ठाकुर दास परिवार संग राजस्थान के अलवर में आकर बस गए. जहां उन्होंने फिर से एक मिठाई की दुकान खोली और देश भर में स्वादिष्ठ मिठाइ कलाकंद को प्रसिद्ध किया.
Third Generation
अलवर में आज बाबा ठाकुर दास की तीसरी पीढ़ी उनके इस काम को संभाल रहे है.