भगवान विष्णु और महादेव में क्यों हुआ था युद्ध?

K Raj Mishra
Sep 28, 2024

हिंदू धर्म ग्रंथों में भगवान विष्णु और भोलेनाथ के बीच एक नहीं बल्कि कई बार युद्ध होने का वर्णन है. आज हम उनमें से एक के बारे में बताने जा रहे हैं.

विष्णु पुराण के मुताबिक, एक बार मां लक्ष्मी की 5 बहनें सुवेषा, सुकेशी समिषी, सुमित्रा और वेधा ने भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की.

उनकी तपस्या से भगवान विष्णु प्रसन्न हो गए और उन्हें वरदान मांगने को कहा. जिसपर उन बहनों ने भगवान विष्णु से शादी करने का वरदान मांगा.

इतना ही नहीं उन्होंने भगवान से कहा कि वह सबकुछ भूलकर उनके साथ पाताललोक में निवास करें. भगवान ने उनको वरदान दे दिया और उनके साथ चले गए.

इससे सृष्टि का संतुलन बिगड़ने लगा. वहीं इस बात से मां लक्ष्मी काफी दुखी हो गईं और उन्होंने भगवान शिव से सहायता मांगी.

इस पर भगवान भोलेनाथ ने वृषभ अवतार लेकर पाताल लोक पर आक्रमण कर दिया. नारायण सबकुछ भूल चुके थे इसलिए शिवजी को पहचान नहीं सके.

इस घटना से नारायण अत्यंत क्रोधित हुए और महादेव के साथ युद्ध करने लगे. दोनों में कई वर्षों तक अत्यंत भीषण युद्ध चलता रहा.

एक-दूसरे को हारता ना देखकर दोनों और ज्यादा क्रोधित हो गए. इस पर नारायण ने भोलेनाथ पर नारायण अस्त्र से प्रहार कर दिया.

वहीं महादेव ने भगवान विष्णु पर पशुपति अस्त्र चला दिया. दोनों इन अस्त्रों में बंध गए. इससे सृष्टि का विनाश होने का संकट पैदा हो गया.

इस पर मां लक्ष्मी की पाचों बहनों को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने विष्णुजी को अपने वचनों से मुक्त कर दिया और उन्हें सब याद आ गया.

भगवान विष्णु ने शिवजी को पहचान लिया और उनके बंधन मुक्त कर दिए. फिर शिवजी ने भी उनको मुक्त कर दिया और दोनों अपने-अपने धाम लौट आए.

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