Mahabharata Facts: महाभारत का युद्ध सिर्फ पांडवों-कौरवों के बीच नहीं था, रोम और यमन की सेना भी लड़ रही थी, जानें 10 रोचक तथ्य

Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Sep 17, 2023

पौराणिक कथाओं में कहा जाता हैं

पौराणिक कथाओं में कहा जाता हैं कि महाभारत के युद्ध में विदेशी भी शामिल थे.

अभिमन्यु ने दुर्योधन के बेटे की हत्या की थी

अभिमन्यु ने दुर्योधन के बेटे की हत्या की थी, जो सात महारथियों में से एक था. इसी बात से नाराज हो कर दुशासन ने अभिमन्यु का वध किया था.

यह पूरा सत्य नहीं है

अभिमन्यु की मौत के लिए चक्रव्यूह की रचना करने वाले सात महारथियों को उसकी मौत का कारण माना जाता है, हालांकि, यह पूरा सत्य नहीं है.

अर्जुन ने कृष्ण को रोकने की कोशिश की

कृष्ण ने रथ के पहियों में से एक को निकाल लिया और भीष्म की हत्या करने के लिए उनकी तरफ फेंका, लेकिन अर्जुन ने कृष्ण को रोकने की कोशिश की. हालांकि वह नाकाम रहे.

अर्जुन, भीष्म की शक्तियों का सामना

जब कृष्ण ने देखा की अर्जुन, भीष्म की शक्तियों का सामना करने में समर्थ नहीं है, वह असहाय हो गए हैं, तब कृष्ण ने तत्काल रथ की लगाम छोड़ दी और युद्ध भूमि में कूद पड़े थे.

भगवान कृष्ण

महाभारत के युद्ध में भगवान कृष्ण ने हथियार नहीं उठाने के अपने वचन को तोड़ा था.

अर्जुन ने अपने श्राप का इस्तेमाल किया

वन में 12 साल बिताने के बाद पांडवों ने 13वां साल राजा विराट के दरबार में निर्वासन में बिताया था. अर्जुन ने अपने श्राप का इस्तेमाल किया. वह ब्रिहन्नला नाम के हिजड़े के रुप में वहां रहे थे.

भगवान इंद्र ने अर्जुन से कहा

इस पर भगवान इंद्र ने अर्जुन से कहा कि यह श्राप एक साल के अज्ञातवास के दौरान तुम्हारे लिए वरदान बन जाएगा, उस अवधि के समाप्त होने पर वह फिर से अपना पुरुषत्व प्राप्त कर लेगा.

इंद्रलोक की अप्सरा उर्वशी

पौराणिक कथाओं में मान्यता है कि इंद्रलोक की अप्सरा उर्वशी ने अर्जुन को श्राप दिया था, क्योकि वह उर्वशी को मां कहकर बुला रहा था, जिस पर उर्वशी को गुस्सा आया और उसे श्राप दिया कि वह एक हिजड़ा बन जाएगा.

रोम और यमन की सेना

वास्तविक युद्ध सिर्फ पांडवों और कौरवों के बीच नहीं था, बल्कि रोम और यमन की सेना भी इसका हिस्सा थी.

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