Marriage Ritual Facts: हिंदुओं में शादी नातेदारी और रिश्तेदारी में क्यों नहीं होती?
Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Dec 16, 2024
पाणिग्रहण संस्कार
हिंदू धर्म में विवाह को 16 संस्कारों में से एक माना गया है. जिसे पाणिग्रहण संस्कार के नाम से भी जाना जाता है.
पवित्र बंधन
हिंदू धर्म में शादी सबसे पवित्र बंधन है. जो दो लोगों को शादी के रिश्तों में बांध जन्मों-जन्मांतर के लिए एक साथ जोड़ देता है.
वजह
आम तौर पर हिंदू धर्म में शादी नातेदारी और रिश्तेदारी में नहीं की जाती हैं. आखिर ऐसा क्यों, क्या है इसके पीछे की वजह? चलिए हम आपको इसके बारे में बताते हैं.
एक गोत्र
हिंदू धर्म में शादी नातेदार और रिश्तेदार में नहीं की जाती है क्योंकि इनमें गोत्र एक समान होता है.
अलग गोत्र
हिंदू धर्म में शादी समान गोत्र वाले परिवार से नहीं की जाती है. इनमें अपने से अलग गोत्र वाले परिवार में शादी करने की परंपरा है.
वंश वृद्धि
मान्यता है कि समान गोत्र वाले परिवार में शादी करने से परिवार के वंश वृद्धि में समस्या आती है.
ऋषि परंपरा का उल्लंघन
हिंदू धर्म में समान गोत्र में शादी करना पाप के समान माना गया है, इसे ऋषि परंपरा के उल्लंघन के तौर पर देखा जाता है.
विवाह दोष
समान गोत्र में शादी होने से पति-पत्नी के जीवन में विवाह दोष उत्पन्न होता है, जिससे उनके दांपत्य जीवन में खटास बनी रहती है. वैवाहिक जीवन खुशहाल नहीं रहता.
खून के संबंध
बता दें कि हिंदुओं में गोत्र का चलन इसलिए शुरू किया गया ताकि एक ही खून से संबंध रखने वालों की आपस में शादी न हों.