Kapil Dev Prasad: नहीं रहे पद्मश्री कपिल देव प्रसाद, 10 साल की उम्र से कर रहे थे बुनकरी
Kajol Gupta
Mar 13, 2024
Padmashri Kapil Dev
बुनकरी के दम पर देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित नालंदा के कपिलदेव प्रसाद ने दुनिया को अलविदा कह दिया.
पद्मश्री कपिल देव प्रसाद
पद्मश्री कपिल देव प्रसाद 71 साल के थे और हृदय रोग से पीड़ित थे. पटना के एक निजी अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली.
कपिल देव
कपिल देव प्रसाद नालंदा के बसवन बीघा के रहने वाले थे. मौत की खबर मिलते ही पूरे नालंदा में शोक की लहर दौड़ गई.
Padmashri Kapil Dev
नालंदा सांसद कौशलेंद्र कुमार प्रखंड विकास पदाधिकारी अंजन दत्ता समेत कई पार्टियों के नेता उनके पैतृक गांव पहुंचकर परिजनों से मिल उन्हें सांत्वना दी.
पद्मश्री से सम्मानित
नालंदा सांसद कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि वर्ष 2023 के अप्रैल महीने में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया था.
पद्मश्री की उपलब्धि
कपिलदेव को पद्मश्री की उपलब्धि मिलने से बावन बूटी डिजाइन की राष्ट्रव्यापी पहचान और प्रतिष्ठा बढ़ गई थी.
कपिल देव प्रसाद का जन्म
बिहार में नालंदा जिला मुख्यालय बिहार शरीफ से सटे पूरब बसवन बिगहा में कपिल देव प्रसाद का जन्म पांच अगस्त 1955 को हुआ था.
हैंडलूम की साड़ी
उनकी माता जी का नाम फुलेश्वरी देवी था. इन्होंने दस साल की अवस्था से ही हैंडलूम की साड़ी में बावन बूटी डालनी शुरू कर दी थी.
हुनर में निखार
पांच साल में हुनर में निखार आ गया. जिससे उनकी बुनी हुई साड़ियां अधिक पसंद की जाने लगी और उनकी चर्चा बुनकर समाज में होने लगी.