महात्मा गांधी के इस कदम ने अंग्रेजों की ताबूत में ठोकी थी आखिरी कील

Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Aug 08, 2023

भारत छोड़ो आंदोलन

08 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हुआ था, जिसने अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिल गई थी.

महात्मा गांधी

भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत महात्मा गांधी ने की थी, जिसके दूसरे ही दिन गांधीजी समेत कई लोगों को जेल जाना पड़ा था.

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी

इस आंदोलन को महात्मा गांधी ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के बॉम्बे (अब मुंबई) अधिवेशन में शुरू किया था.

प्रभावशाली आंदोलन

भारत छोड़ो आंदोलन अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ काफी प्रभावशाली साबित हुआ और शासन की नींद उड़ गई थी.

लगा 'करो या मरो' का नारा

आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी ने अहिंसा की राह छोड़ 'करो या मरो' का नारा लगाया था.

द्वितीय विश्वयुद्ध

इस आंदोलन को शुरू करने के पीछे का सबसे बड़ा कारण यह था कि देश की देश को बिना मर्जी के द्वितीय विश्वयुद्ध में धकेल दिया गया था.

कई सैनिक शहीद

द्वितीय विश्वयुद्ध में भारत के हजारों सैनिक शहीद हो गए थे, इसलिए अंग्रेजों का वर्चस्व खत्म करना बहुत जरूरी था.

महात्मा गांधी ने दिया नारा

महात्मा गांधी ने ग्वालियर टैंक मैदान से करो या मरो का नारा दिया था, जिससे पूरा देश एकजुट होकर अंग्रेजों के खिलाफ खड़ा हो गया.

अंग्रेजी हुकूमत खत्म

इस आंदोलन ने लोगों को इस तरह प्रभावित किया कि अंग्रेजों को भारत छोड़कर जाना पड़ा.

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