Ramayan Mysterious Facts: एक नजर में रावण को तिनके की तरह राख कर सकती थी माता सीता, राजा दशरथ की बात ने बचाई जान

Nishant Bharti
Dec 07, 2024

सीता हरण

रावण ने सीता माता को जब हरण करके लंका ले गया, तब उन्हें भ्रमित करने की रावण ने कई कोशिश की थी,

रावण

एक बार तो रावण माता सीता के सामने राम जी के वेश में भी आ गया था लेकिन हर बार जब रावण वहां आता था तो माता सीता घास का एक तिनका उठाकर उसे ही घूर-घूर कर देखने लगती थी.

रामायण का रहस्य

रामायण में इस घास के तिनके के पीछे भी रहस्यमयी कहानी है.

श्रीराम विवाह

दरअसल श्रीराम और माता सीता के शादी के बाद बड़े आदर सत्कार के साथ अयोध्या में गृह प्रवेश किया गया था.

माता सीता की पहली रसोई

प्रथानुसार अयोध्या में आने के बाद नववधू माता सीता ने अपनी पहली रसोई में सभी के लिए मीठा पकवान खीर बनाया था.

भोजन पर आमंत्रित

माता सीता की पहली रसोई की खीर खाने के लिए समस्त परिवार, राजा दशरथ एवं तीनों रानियों सहित चारों भाईयों और मुनि, ऋषि, संत, गुरु भी भोजन पर आमंत्रित थे.

घास का तिनका

माता सीता ने सभी को खीर परोसना शुरू किया और जब भोजन शुरू होने ही वाला था की हवा का जोरदार झोंका आया और राजा दशरथ की खीर पर एक छोटा सा घास का तिनका गिर गया, जिसे माता सीता ने देख लिया.

माता सीता की नजर

माता सीता ने इस घास के तिनके को देख लिया लेकिन अब सवाल ये उठता है कि वो अपने ससुर के खाने में हाथ कैसे लगाए. जिसके बाद उन्होंने तिनके को घूर कर देखा वो जल कर राख बन गया.

माता सीता

माता सीता ने सोचा उनके इस चमत्कार को किसी ने नहीं देखा लेकिन राजा दशरथ ने माता सीता के इस चमत्कार को देख लिया था. भोजन खत्म होने के बाद राजा दशरथ ने माता सीता को अपने में कक्ष बुलवाया.

माता सीता का चमत्कार

उन्होंने सीताजी से कहा कि भोजन के समय मैंने आपके चमत्कार को देख लिया है. आप साक्षात जगत जननी स्वरूपा हैं, लेकिन मेरी एक बात आप जरूर याद रखना. जिस नज़र से आपने उस तिनके को देखा था, उस नज़र से अपने शत्रु को भी आप कभी मत देखना.

राजा दशरथ

इसीलिए लंकापति रावण जब भी माता सीता के सामने आता था, तो वो घास के तिनके को उठाकर राजा दशरथ की बात याद कर लेती थीं.

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