Special Category Status State: किन राज्यों मिलता है विशेष राज्य का दर्जा, जानें क्या होता है इसका लाभ
Nishant Bharti
Jun 08, 2024
महावीर त्यागी
भारत में विशेष श्रेणी राज्य का दर्जा सन 1969 में पांचवें वित्त आयोग के अध्यक्ष महावीर त्यागी ने गाडगिल फार्मूले के आधार पर तय किया था.
गाडगिल फार्मूला
गाडगिल फार्मूले के अनुसार सामाजिक, आर्थिक और भौगोलिक परिस्थितियों को मद्देनजर रखकर इसका आकलन किया गया था.
विशेष राज्य दर्जा का मानक
राज्य की प्रति व्यक्ति आय, उसकी आमदनी का स्रोत, राज्य का इलाका कैसा है पहाड़ी है, दुर्गम है, जनसंख्या कितनी है और कुछ अन्य मानकों के आधार पर दर्जा दिया जाता है.
भारतीय संविधान
भारतीय संविधान की धारा 371 के तहत किसी राज्य को विशेष दर्जा देने का प्रावधान है.
विशेष श्रेणी राज्य
किसी राज्य को जब विशेष श्रेणी का दर्जा दिया जाता है तब उस राज्य को बहुत सारे लाभ होते है.
केंद्र सरकार
केंद्र सरकार की ओर से उस राज्य को विशेष छूट दी जाती है. उस राज्य को देश के अन्य राज्यों के मुकाबले में ज्यादा अनुदान मिलता है.
बजट का 30%
सरकार के बजट का कुल 30% हिस्सा विशेष श्रेणी के राज्यों पर खर्च किया जाता है.
कैरी फॉरवर्ड
इन राज्यों को दी जाने वाली राशि अगर एक साल में खर्च नहीं होती. तो उसे अगले साल के लिए कैरी फॉरवर्ड कर दिया जाता है.
खर्च राशि
वहीं अगर सामान्य राज्यों राशि खर्च नहीं कर पाती तो वह राशि लैप्स हो जाती है. यानी उसे आगे नहीं ले जाया जा सकता.
विशेष श्रेणी का दर्जा
भारत में फिलहाल 11 राज्यों को विशेष श्रेणी का दर्जा प्राप्त है. इन राज्यों में अधिकतर राज्य पूर्वोत्तर के हैं.