Swastik Vastu Shastra: स्वास्तिक बनाते वक्त भूलकर भी न करें ये गलती, नहीं तो बिगड़ सकती है किस्मत

Kajol Gupta
Sep 22, 2023

स्वास्तिक का बहुत महत्व

हिंदू धर्म में स्वास्तिक का बहुत महत्व है. स्वास्तिक दो शब्दों से मिलकर बना है जिसमें ‘सु’ का अर्थ है शुभ और ‘अस्ति’ का अर्थ है होना.

स्वास्तिक गणपति जी का प्रतीक

हिंदू धर्म में स्वास्तिक का प्रयोग हर मंगल कार्य में जरूर किया जाता है. स्वास्तिक को गणपति जी का भी प्रतीक माना जाता है.

सूर्य का प्रतीक स्वास्तिक

ऋगवेद में स्वास्तिक को सूर्य का प्रतीक माना जाता है. स्वास्तिक की चार भुजाओं को चार दिशाओं का प्रतीक माना जाता हैं.

स्वास्तिक बनाना बेहद शुभ

माना जाता है कि सही समय पर सही जगह बनाया गया स्वास्तिक बेहद शुभ होता है.

न करें ये गलती

कहा जाता स्वास्तिक बनाते वक्त भूलकर भी कुछ गलती नहीं करनी चाहिए. नहीं तो उसका किस्मत पर असर पड़ सकता है.

इस बात का रखें ध्यान

स्वास्तिक बनाते समय हमेशा यह ध्यान रखें कि स्वास्तिक रोली, चंदन या हल्दी से ही बनाएं.

टेढ़ा स्वास्तिक न बनाए

जिस भी जगह स्वास्तिक बनाएं बस यह ध्यान रखें कि स्वास्तिक टेढ़ा न हो, यानि स्वास्तिक एकदम सीधा बनना चाहिए.

उल्टे स्वस्तिक न बनाए

भूलकर भी उल्टे स्वस्तिक का निर्माण न करें. अगर आपने स्वस्तिक को उल्टा बना दिया और उसका प्रयोग कर रहे हैं, तो निश्चित रूप से इसका गंभीर परिणाम आपको भुगतना पड़ सकता हैं.

पहले क्रॉस न बनाएं

घर के मंदिर में स्‍वास्तिक बनाने के लिए पहले क्रॉस न बनाएं. ऐसा करना गलत माना जाता हैं. वास्‍तु के हिसाब से इसे अशुभ माना जाता है. (डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता. इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.)

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