जलेबी का नाम संस्कृत में 'कुण्डलिनी' और अंग्रेजी में 'स्वीटमीट' (Sweetmeet) है. इसका भारतीय नाम 'जलवल्लिका' है. उत्तरी भारत में आम बोलचाल में लोग सिर्फ जलेबी ही कहते है.
Jalebi in Different Provinces
भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग प्रकार की जलेबियां प्रचलित हैं, जैसे बिहार में आलू की जलेबी, उत्तर प्रदेश में आम की जलेबी और बंगाल में पनीर की जलेबी आदि.
Historical Importance of Jalebi
अरबी पुस्तक 'किताब-अल-तबिक' में जलेबी का उल्लेख 'जलाबिया' नाम से मिलता है. यह जलेबी का पुराना नाम है.
Properties of Jalebi
जलेबी को एक रोगनाशक औषधि माना गया है. गर्म जलेबी चर्म रोगों की बेहतरीन चिकित्सा है.
Jalebi and Health
जलेबी शरीर में जल तत्व की पूर्ति करती है. आयुर्वेद के अनुसार यह त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) के संतुलन में मदद करती है.
Types of Jalebi
जलेबी कई प्रकार की होती है, जैसे अंगूर दाना जलेबी, कुल्हड़ जलेबी आदि.
Spiritual Significance of Jalebi
अघोरी संत जलेबी को आध्यात्मिक सिद्धि और कुंडलिनी जागरण के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं. वे रोज सुबह जलेबी खाने की सलाह देते हैं.
Medicinal Use of Jalebi
सिरदर्द और माइग्रेन के मरीज जलेबी का सेवन कर सकते हैं. पीलिया के रोगियों के लिए भी यह लाभकारी है.
Cultural Significance of Jalebi
जैन धर्म के ग्रंथ 'कर्णपकथा' में भगवान महावीर को जलेबी नैवेद्य के रूप में अर्पित की जाती है.
Method of Making Jalebi
जलेबी बनाने के लिए मैदा, उड़द की दाल, दही और शक्कर की आवश्यकता होती है. खमीर उठाकर और चाशनी में डुबोकर जलेबी बनाई जाती है.