Sataisa Puja Mool Nakshatra: क्या होती है सतैसा पूजा, जानें गंड मूल नक्षत्र के बारे में सबकुछ

Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Sep 13, 2023

मूल शांति पूजा

मूल पूजा केतु और बुध को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए की जाती है. मूल शांति पूजा से वित्तीय ऋणों से शीघ्र और आसानी से छुटकारा पाने में लाभ होता है.

गंडमूल पूजा

गंडमूल पूजा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है. गंड मूल पूजा बच्चे के माता-पिता को होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद करती है.

नक्षत्र के स्वामी देवता

नक्षत्र के स्वामी देवता को प्रसन्न करके सताइसा पूजा नक्षत्र के भयानक कष्टों को कम करने का काम करती है.

जल्द पूरा करना अत्यधिक उचित

हालांकि, अगर ऐसा नहीं किया गया है, तो इसे जल्द से जल्द पूरा करना अत्यधिक उचित है.

सत्ताईस दिन बाद शांत हो जाता है

नवजात शिशु की कुंडली में यह अशुभ योग शिशु के जन्म के लगभग सत्ताईस दिन बाद शांत हो जाता है.

कष्टों और नकारात्मकता

यह पूजा अनुचित नक्षत्रों में जन्म के कारण उत्पन्न होने वाले कष्टों और नकारात्मकता को कम करने के लिए की जाती है.

मूल दोष के साथ पैदा

ये हैं अश्विनी, आश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा, मूल और रेवती नक्षत्र. जब कोई बच्चा इनमें से किसी एक नक्षत्र में पैदा होता है, तो माना जाता है कि वह मूल दोष के साथ पैदा हुआ है.

वैदिक ज्योतिष में 27 नक्षत्र हैं

वैदिक ज्योतिष में 27 नक्षत्र हैं. केतु और बुध जिन नक्षत्रों पर शासन करते हैं उन्हें गंड मूल नक्षत्र के नाम से जाना जाता है.

गंड मूल नक्षत्र शांति पूजा

किसी व्यक्ति की कुंडली में मूल दोष के बुरे प्रभावों को दूर करने के लिए ज्योतिषियों और पंडितों द्वारा गंड मूल नक्षत्र शांति पूजा या सताइसा पूजा की सिफारिश की जाती है.

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