क्या है टिकुली पेंटिंग, बिहार से क्या है कनेक्शन, जानिए
May 27, 2024
अनूठी कला
टिकुली कला बिहार की एक अनूठी कला है. जिसमें एक गहरा पारंपरिक इतिहास है.
स्थानीय भाषा में बिंदी
टिकुली शब्द को स्थानीय भाषा में बिंदी कहा जाता है जो आमतौर पर बहुत चमकदार बिंदी के रूप में होती है.
टिकुली
महिला अपना माथा दोनों भौंहों के बीच टिकुली लगाती हैं.
शुरुआत
टिकुली कला की शुरुआत 800 साल पहले पटना से हुई थी.
महत्व
मुगलों ने भी कला के इस रूप को संरक्षण दिया और इसके महत्व को बहुत सराहा.
टिकुली कला
बिहार के बाहर की किसी भी कला की गिनती टिकुली कला से नहीं की जा सकती.
विशेषता
यह बिहार की एक दुर्लभ विशेषता है और ऐसा काम कहीं और नहीं मिलता है.
कांच को भट्टी में पिघलाया
टिकुली के निर्माण के लिए पहले कांच को भट्टी में पिघलाया जाता है. इसके बाद ठंडा होने पर जिस आकार में चाहिए काटा जाता है.
सोने का वर्क चिपकाया
इसके बाद उस पर सोने का वर्क चिपकाया गया जाता है. उसके बाद तेज़ पेंसिल से फूल-पत्तियों, देवी-देवताओं की तस्वीरों को खुरचकर कई रंगों से रंग दिया जाता है.