Brahmins: ब्राह्मणों में सबसे ऊंचे ब्राह्मण कौन? जानें यहां
Zee Bihar-Jharkhand Web Team
Sep 04, 2024
जाति
जातियों की जब भी बात की जाती हैं, ब्राह्मण के बारे में बात न हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता है.
ब्राह्मणों का नाता बिहार के प्राचीन मिथिला क्षेत्र से है. जो कि भगवान राम का ससुराल और माता सीता का मायका है.
ब्राह्मणों की उत्पत्ति
मान्यता है कि ब्राह्मणों की उत्पत्ति ब्रह्मा जी के मुख से हुई थी. आपको जानकर हैरानी होगी की ब्राह्मणों में भी कई प्रकार होते हैं.
सवर्ण
चलिए हम आपको सवर्ण में सबसे ऊंचे स्थान पर विराजमान जाति ब्राह्मण के विभिन्न प्रकार के बारे में बताते हैं.
धर्मज्ञ विप्र और द्विज
अपनी रूढ़िवादिता और सीखने की रुचि के लिए विख्यात ब्राह्मण को धर्मज्ञ विप्र और द्विज नाम से भी जाना जाता है.
वैदिक संहिता
वैदिक संहिता के मुताबिक, मैथिल ब्राह्मणों को छान्दोग्य (सामवेद) और वाजसनेयी (यजुर्वेद) में बांटा गया है.
क्षेत्रीय ब्राह्मण
ब्राह्मणों को 10 मुख्य क्षेत्रीय प्रभागों में बांटा गया है. इनमें से पांच उत्तर से जुड़े हैं और पांच दक्षिण से.
उत्तर क्षेत्रीय ब्राह्मण
उत्तर क्षेत्रीय ब्राह्मण हैं सरस्वती, गौड़, कन्नौज, मैथिल और उत्कल. वहीं, दक्षिण क्षेत्रीय ब्राह्मण हैं महाराष्ट्र, आंध्र, द्रविड़, कर्नाटक और मालाबार ब्राह्मण शामिल हैं
स्मृति पुराणों
स्मृति पुराणों में ब्राह्मण के 8 भेदों का वर्णन हैं. जो है मात्र, ब्राह्मण, श्रोत्रिय, अनुचान, भ्रूण, ऋषिकल्प, ऋषि और मुनि.
त्रिशुक्ल ब्राह्मण
इसके अलावा ब्राह्मण में सबसे ऊंचा ब्राह्मण त्रिशुक्ल है, जो कि वंश, विद्या और सदाचार में सबसे श्रेष्ठ होते हैं.
शतपथ ब्राह्मण
शतपथ ब्राह्मण को वैदिक साहित्य का सबसे बड़ा और प्राचीन ब्राह्मण माना गया है.
ब्राह्मण गोत्र
ब्राह्मणों में कुल 18 गोत्र होते हैं, जब कि विष्णु पुराण के मुताबिक ब्राह्मणों के गोत्र की संख्या 49 तक होती हैं.
शांडिल्य
ब्राह्मणों में सबसे ऊंचा गोत्र वाला ब्राह्मण शांडिल्य गोत्र वाले ब्राह्मण को माना गया है.
ब्राह्मण
आज के समय में भी अगर कोई अपनी जाती को बदल कर ब्राह्मण बनना चाहता है, तो वो गायत्री दीक्षा लेकर ब्राह्मण बन सकता है, लेकिन ब्राह्मण बनने के बाद उन्हें कई तरह के नियम का पालन करना पड़ेगा.
डिस्क्लेमर
यहां प्रस्तुत की गई जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. Zee न्युज इसकी पुष्टि नहीं करता है.