Ketaki Flower: क्यों नहीं चढ़ाया जाता भगवान शिव को केतकी का फूल? जानें दिलचस्प कहानी

Nov 07, 2023

केतकी का फूल

मान्यता है कि उस दिन के बाद से भगवान शिव को केतकी का फूल चढ़ाना पाप माना जाता है.

शिव क्रोधित

इससे भगवान शिव क्रोधित हो गए और उन्होंने केतकी फूल को श्राप दिया कि वह हमेशा के लिए शिव की पूजा से वंचित हो जाएगा.

ब्रह्मा

भगवान शिव जानते थे कि ब्रह्मा झूठ बोल रहे हैं और केतकी के फूल ने झूठी गवाही दी है.

विष्णु

विष्णु ने बताया कि उनके सर्वोत्तम प्रयासों के बाद भी उन्हें ज्योतिर्लिंग का अंत नहीं मिला.

ज्योतिर्लिंग

इसके बाद ब्रह्मा ने भगवान शिव से कहा कि उन्हें इस ज्योतिर्लिंग का आरंभ मिल गया है. इसके सबूत लिए वह अपने साथ केतकी के फूल लगाये थे.

झूठ

ब्रह्मा ने केतकी के फूल को झूठ बोलने के लिए मना लिया था. इसके बाद उसे अपने साथ शिव के पास ले गए थे.

पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, जब ब्रह्मा नीचे की तरफ जा रहे थे, तब केतकी के फूल को उसी दिशा में जाते देखा था.

नीचे

भगवान विष्णु उस ज्योतिर्लिंग के ऊपर की ओर बढ़ने लगे, जबकि भगवान ब्रह्मा शुरुआत का पता लगाने के लिए नीचे की ओर जाने लगे.

ज्योतिर्लिंग का आरंभ

पौराणिक कथा के अनुसार, शिव ने ब्रह्मा और विष्णु दोनों से कहा था कि जो भी ज्योतिर्लिंग का आरंभ और अंत पहले पहचान लेगा, वही सर्वश्रेष्ठ माना जाएगा.

नोट: ये सारी जानकारियां पौराणिक कथाओं पर आधारित है. Zee News का इससे कोई लेना देना नहीं हैं.

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