ज्योतिष के अनुसार, दीपक के बिना पूजा हमेशा अधूरी मानी जाती है. क्योंकि, पूजा के दौरान दीपक जलाने से घर से नेगेटिव एनर्जी हमेशा दूर रहती है.
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, पूजा के दौरान दीपक जलाने के भी कई नियम है, जिनका पालन करने बेहद ही जरूरी है.
अक्सर दीपक जलाते वक्त लोगों से कई तरह की गलतियां हो जाती है, जिसकी वजह से पूजा का लाभ नहीं मिलता.
पूजा करते वक्त इस बात का हमेशा ध्यान रखे कि घी का दीपक जलाते वक्त रुई की बत्ती का इस्तेमाल करें.
सरसों के तेल का दीपक जलाते वक्त कलावे का इस्तेमाल करें.
ज्योतिष के अनुसार, सुबह 5 बजे से लेकर 10 बजे और शाम 5 बजे से लेकर 7 बजे के बीच घर में दीपक जला दें.
घर के मंदिर में घी का दीपक जलाकर हमेशा भगवान की मूर्ति के दाहिने तरफ रखें.
अगर आप सरसों के तेल का दीपक जलाते हैं तो उसे मंदिर में रखी भगवान की प्रतिमा के बाईं तरफ रखें.
दीपक को पश्चिम दिशा में भूलकर भी ना रखें. क्योंकि, इस दिशा में दीपक जलाकर रखने से घर में परेशानियां आती हैं.
पूजा के दौरान कभी भी खंडित दीपक नहीं जलाना चाहिए. खंडित दीपक जलाने से घर में गलत प्रभाव पड़ता है.