हुमायूं का मकबरा भारत और दिल्ली में सबसे फेमस स्मारकों में से एक है. यह ऐतिहासिक स्मारक एक यूनेस्को विरासत स्थल भी है.
Renu Akarniya
May 03, 2024
हुमायूं का मकबरा मुगल वास्तुकला के बेहतरीन उदाहरणों में से एक है. हुमायूं की मृत्यु के बाद उसकी विधवा हमीदा बानू बेगम ने प्यार के प्रतिक में इस मकबरे का निर्माण कराया था.
हुमायूं के मकबरा को मुगल चमत्कार भी कहा जाता है, जिसके निर्माण को पूरा होने में लगभग सात साल लगे. इसका निर्माण 1565 में शुरू हुआ और 1572 में पूरा हुआ.
हुमायूं का मकबरा एक बगीचे के भीतर स्थित है, जिसे 'चारबाग' के नाम से जाना जाता है. चार मुख्य वर्गों में विभाजित है.
हुमायूं का मकबरा लाल बलुआ पत्थरों से बना दो मंजिला इमारत है. इसमें एक सफेद संगमरमर का गुंबद है और केंद्रीय गुंबद चार छोटे गुंबदों से घिरा हुआ है.
हुमायूं के मकबरे को 1993 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था.
हुमायूं के अलावा, मकबरे में अन्य प्रमुख मुगल शासकों की कब्र हैं, जिनमें हुमायूं की बेगम हमीदा बानो बेगम, दारा शिकोह (शाहजहां का सबसे बड़ा बेटा) और परिवार के अन्य 150 कब्र इसी मकबरे में हैं.
इनमें बाबर और इसाक खां का मकबरा भी शामिल है. ये सभी कब्रें हुमायूं के मकबरे के सामने बने बगीचे में स्थित हैं.
माना जाता है कि हुमायूं के मकबरे के डिजाइन और लेआउट ने ताज महल के निर्माण को प्रभावित किया है.
आज हुमायूं का मकबरा दिल्ली में एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है और दुनियाभर से पर्यटकों को आकर्षित करता है.