दिल्ली के इस मंदिर में न ही है किसी की मू्र्ति और नहीं होती है पूजा

Renu Akarniya
Jun 23, 2024

दिल्ली के नेहरू प्लेस में स्थित कमल मंदिर है, जिसे लोटस टेंपल भी कहते हैं.

ये एक बहाई उपासना मंदिर है.

कमल मंदिर में न ही किसी की मूर्ति है और न ही पूजा होती है.

यहां लोग सिर्फ घूमने, शांति और सुकून का अनुभव करने के लिए आते हैं.

इसका निर्माण बहाई धर्म के संस्थापक बहा उल्लाह ने साल 1986 में करवाया था.

इसलिए इसे बहाई मंदिर कहा जाता है, जहां लोग मन की शांति के लिए आते हैं.

इस मंदिर के आधे खिले कमल की आकृति में पंखुड़ियों को संगमरमर से बनाया गया है, जो कि 3 चक्रों में व्यवस्थित हैं.

मंदिर चारों ओर से 9 दरवाजों से घिरा है, जिसके बीच में एक बहुत बड़ा हॉल स्थित है.

इस हॉल में करीब 2500 लोग एक साथ बैठ सकते हैं, जिसकी ऊंचाई 40 मीटर है.

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