मानसून में हवा में नमी और पराग कणों की संख्या बढ़ जाती है. इससे अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है. नमी और ठंडा मौसम अस्थमा को ट्रिगर कर सकते हैं.
खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें
बारिश के दौरान घर की खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें ताकि नमी और धूल से बचा जा सके. इससे अस्थमा के मरीज को राहत मिल सकती है.
कमरे में ताजी हवा और धूप का होना जरूरी
अस्थमा मरीज जिस कमरे में रहते हैं, उसमें ताजी हवा और सूरज की रोशनी आनी चाहिए. इससे नमी कम होगी और संक्रमण का खतरा भी घटेगा.
बाथरूम और बेडशीट की सफाई
बाथरूम, कालीन और बेडशीट को अच्छे से धोकर सुखाएं. इससे फफूंद और बैक्टीरिया से बचाव होगा, जो अस्थमा को बढ़ा सकते हैं.
बाहर से आकर कपड़े बदलें
बाहर से आने के बाद कपड़े बदलना जरूरी है ताकि धूल और धुआं फेफड़ों तक न पहुंचे.
पालतू जानवरों से दूरी बनाए रखें
घर में पालतू जानवर न रखें, क्योंकि उनके बाल अस्थमा को और बढ़ा सकते हैं.
बाहर जाने से पहले नाक और मुंह ढकें
बाहर निकलते समय अस्थमा मरीज को मास्क या स्कार्फ पहनना चाहिए ताकि धूल और धूएं से बचा जा सके.