किससे होता है मनुष्य का निर्माण.. आदि शंकराचार्य के विचारों से जानें
Abhinaw Tripathi
May 28, 2024
Adi Shankaracharya
खुद को लोग बेहतर बनाने के लिए , मोटिवेट रखने के लिए किसी न किसी के विचारों को फॅालो करते हैं. ऐसे लोगों को हम बताने जा रहे हैं आदि शंकराचार्य जी के अनमोल विचारों के बारे में जो आपकी सोच बदल सकते हैं.
गर्व न करें
धन, लोगों, रिश्तों और दोस्तों या अपनी जवानी पर गर्व न करें. ये सब चीजें पल भर में पल भर में छीन ली जाती हैं.
इंद्रियों को वश में करना
अपनी इन्द्रियों और मन को वश में करो और अपने हृदय में प्रभु को देखो.
तीर्थ क्या है
तीर्थ करने के लिए किसी स्थान पर जाने की जरूरत नहीं है. सबसे अच्छा और बड़ा तीर्थ आपका अपना मन है, जिसे विशेष रूप से शुद्ध किया गया हो.
अज्ञान की नींद
मोह से भरा हुआ इंसान एक सपने की तरह है, यह तब तक ही सच लगता है जब तक आप अज्ञान की नींद में सो रहे होते हैं.
ज्ञान प्राप्त करना
ग्रंथों को पढ़ने का तब तक कोई मतलब नहीं ज तक कि हम उनसे ज्ञान प्राप्त न कर सकें.
मनुष्य का निर्माण
सत्य की कोई भाषा नहीं है. भाषा सिर्फ मनुष्य का निर्माण है, लेकिन सत्य मनुष्य का निर्माण नहीं आविष्कार है.
आत्मा क्या है
हर व्यक्ति को यह समझना चाहिए कि आत्मा एक राजा के समान है जो शरीर, इंद्रियों, मन, बुद्धि से बिल्कुल अलग है.