Krishna ने क्यों नहीं दिया अभिमन्यु को विजयी भव का आशीर्वाद, जानें

Abhinaw Tripathi
May 28, 2024

Maha bharata Story

महाभारत से जुड़ी हुई कई कहानियां प्रसिद्ध है. ये कहानियां आज भी लोग सुनना पसंद करते हैं. ऐसे ही हम आपको बताने जा रहे हैं. कृष्ण ने अभिमन्यु को विजयी भव का आशीर्वाद क्यों नहीं दिया.

चक्रव्यूह

महाभारत में चक्रव्यूह का युद्ध काफी ज्यादा चर्चित है. इसमें पांडवों की तरफ से अभिमन्यु की लड़ाई लोगों को मोटिवेट करती है.

चक्रव्यूह का द्वार तोड़ना

चक्रव्यूह का द्वार तोड़ना अर्जुन के अलावा किसी को नहीं आता था. पर अभिमन्यु ने मां के गर्भ में द्वार को तोड़ना सीख गए थे लेकिन उससे निकलना नहीं जानते थे.

पांडवों को जानकारी

जब अभिमन्यु ने ये जानकारी पांडवों की दी तो वहां खड़े, भीम, कृष्ण ने कहा कि द्वार तोड़ दो निकाल तो हम लेंगे.

बाहर हुई सेना

अभिमन्यु ने इस चक्रव्यूह को तोड़ना शुरू किया लेकिन लड़ाई के दूसरे ही द्वार पर पांडवों की सेना को बाहर कर दिया गया.

विजयी भय

अभिमन्यु जब युद्ध करने जा रहे थे उन्हें सभी ने जीते रहने और विजयी भय का आशीर्वाद दिया.

द्रोपदी की आपत्ति

लेकिन जब कृष्ण का पांव अभिमन्यु ने रखा तो कृष्ण ने उन्हें यशस्वी भव का आशीर्वाद दिया. इस पर द्रोपदी ने आपत्ति जताई और कृष्ण से सवाल किया.

द्रोपदी का सवाल

द्रोपदी ने पूछा कृष्ण क्यों तुमने अभिमन्यु को जीते रहने का आशीर्वाद नहीं दिया क्या तुम्हें युद्ध के परिणाम में कोई शक है.

वीर योद्धा

तब कृष्ण ने मुस्कुरा कर कहा कि युद्ध का परिणाम चाहे जो हो लेकिन इतिहास में हमेशा अभिमन्यु का नाम एक वीर योद्धा के रूप में याद किया जाएगा.

यहां दी गई जानकारियां धार्मिक ग्रंथो के माध्यम से ली गई है. इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप धार्मिक ग्रंथो को पढ़ सकते हैं.

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