अद्भुत मंदिर की विचित्र कहानी, हनुमान जी के साथ पुत्र के भी दर्शन

Mahendra Bhargava
Apr 23, 2024

रतलाम में एक ऐसा हनुमान मंदिर है जिनका नाम मकरध्वज हनुमान है.

यहां हनुमान जी के साथ उनके पुत्र मकरध्वज की भी पूजा की जाती है.

आजीवन अविवाहित रहने के बाद भी हनुमान एक पुत्र था, जिनका नाम मकरध्वज था.

शास्त्रों के अनुसार, लंका को जलाने के बाद हनुमानजी समुन्द्र में पूछ की आग बुझाने गए थे.

हनुमान जी के पसीने की बून्द समुन्द्र में गिरी थी और वही बून्द मछली कें मुह से पेट मे चली गयी.

मछली ने गर्भवती होकर जिसे जन्म दिया वह हनुमानजी के पुत्र मकरध्वज कहलाये.

इस मंदिर में पिता पुत्र हनुमान व मकरध्वज के साथ अहि रावण की कुक देवी कंटादेवी भी है.

जब भी इस मंदिर के पुजारी की मृत्यु हो जाती है उनके नाम से पद चिन्ह की स्थापित कर दिए जाते हैं.

यहां हनुमान जयंती पर दोपहर 12 बजे मनाते हैं. मान्यता है कि मकरध्वज का जन्म दोपहर 12 बजे हुआ था.

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