इस जगह बालू से क्यों होता पिंडदान? जानें रहस्य

Mahendra Bhargava
Aug 16, 2023

पितरों की मुक्ति के लिए पिंडदान, तर्पण विधि और श्राद्ध विशेष महत्व है.

देश भर में 50 से अधिक स्थानों को पिंडदान के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है.

सबसे ज्यादा बिहार के गया जिले में पिंडदान करने के महत्व दिया जाता है.

गया में विश्वविख्यात पितृपक्ष मेला 28 सितंबर से शुरू हो रहा है.

गया में श्राद्ध कर्म और तर्पण विधिपूर्वक करने से पूर्वजों को शांति मिलती है.

यहां की खासियत यह है कि यहां कुछ भी न मिले तो बालू से पिंडदान कर सकते हैं.

गया में फल्गु नदी के तट पर भगवान राम और माता सीता ने भी पिंडदान किया था.

मान्यता है कि कुछ भी नहीं मिलने पर राम ने राजा दशरथ का पिंडदान बालू से किया था.

तब से यहां बालू से पिंडदान देने के परंपरा शुरू हो गई.

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