जनजातीय गौरव दिवस पर जानें बिरसा मुंडा से जुड़ी बातें

Abhinaw Tripathi
Nov 14, 2024

Birsa Munda Jayanti

कल यानि की 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती है, इस अवसर पर एमपी में जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाएगा. इससे पहले हम आपको बताने जा रहे हैं उनसे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में.

उलिहातू

भगवान बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवम्बर 1875 को झारखंड के उलिहातू में हुआ था.

रक्षा के लिए

उन्होंने ब्रिटिश अत्याचार और जमींदारों से आदिवासी अधिकारों की रक्षा के लिए “उलगुलान” या “महान कोलाहल” का नेतृत्व किया था.

आंदोलन

उन्होंने एक आंदोलन शुरू किया, जिसमें उन्होंने “सिंगबोंगा” का प्रचार किया और आदिवासी प्रथाओं में सुधार भी किया था.

भूमि की रक्षा

आदिवासी भूमि की रक्षा के लिए उनकी निष्ठा के कारण उन्हें “धरती आबा” भी कहा जाता है.

शोषण

बिरसा ने ब्रिटिश शोषण से मुक्त एक स्व-शासित मुंडा राज्य की कल्पना की थी.

एक नायक

बिरसा मुंडा को एक नायक के रूप में माना जाता है और कुछ लोग उन्हें भगमान के रूप में पूजते हैं.

25 वर्ष

ब्रिटिश हिरासत में 25 वर्ष की उम्र में संदिग्ध हालत में वे शहीद हो गए थे.

जनजातीय गौरव दिवस

वर्ष 2021 में केन्द्र सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित की थी.

आयोजन

15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस पर एमपी के धार और शहडोल में कार्यक्रम का आयोजन होगा.

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