रतलाम के कवलका माता मंदिर में लगता है मदिरा का भोग, द्वापरयुग से जुड़ा है इतिहास

Mar 21, 2024

Kavalka Mata Temple

नवरात्रि का पर्व अगले महीने आने वाला है. नवरात्रि के अवसर पर लोग देवी मंदिरों में पूजा अर्चना करते हैं. इससे पहले हम आपको बताने जा रहे हैं रतलाम के कवलका माता मंदिर के बारे में, यहां का इतिहास क्या है, मंदिर की पौराणिक मान्यता क्या है.

Kavalka Mata Temple

मध्य प्रदेश के रतलाम शहर से 32 किमी दूर सातरुंडा की ऊंची टेकरी पर कवलका माता का मंदिर है.

Kavalka Mata Temple

नवरात्रि के अवसर पर कवलका माता मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगता है. बड़ी आस्था श्रद्धा के साथ ऊंची पहाड़ी पर श्रद्धालु पहुंचकर मां कवलका से मन्नत मांगते हैं.

Kavalka Mata Temple

माता के दर्शन करने वाले श्रद्धालु यहां पर मदिरा चढ़ाते हैं. ये परंपरा काफी वर्षों से चली आ रही है.

Kavalka Mata Temple

कवलका माता के साथ कालिका माता, परचों शिवलिंग और भैरव जी की प्रतिमा यहां पर स्थापित है.

Kavalka Mata Temple

मंदिर को लेकर कहा जाता है. भीम अपने अज्ञातवास के दौरान यहां आए थे और उनकी गाय यहां से खो गई थी.

Kavalka Mata Temple

गाय खोजने के लिए भीम ने अपनी विशाल मुठ्ठियों से डेढ़ मुठ्ठी मिट्टी से इस पहाड़ी का निर्माण किया था और इस पहाड़ी पर चढ़कर अपनी गायों को खोजा था.

Kavalka Mata Temple

यह मंदिर लगभग 300 साल पुराना है. मंदिर के पुजारियों का कहना है कि यहां पर माता मदिरापान भी करती हैं. ऐसा कहा जाता है कि यहां मांगी हुई मन्नतें पूरी होती हैं.

Kavalka Mata Temple

चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 19 अप्रैल से हो रही है. ऐसे में आप इस साल की नवरात्रि में अगर आप देवी मंदिरों में दर्शन करने के बारे में विचार बना रहे हैं तो माता कवलका का दर्शन करने जरूर जाएं.

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