इन 5 डाकुओं से कांपता था चंबल, कभी भी कर देते थे खून- खराबा
Apr 24, 2024
Chambal Story
एमपी के इतिहास में कई ऐसी कहानियां हैं जो काफी ज्यादा प्रसिद्ध है. चंबल की डाकुओं की कहानी सुनना लोग काफी ज्यादा पसंद करते हैं. ऐसे में हम आपको बताने जा रहें है चंबल के उन डाकुओं के बारे में जो कभी भी खून- खराबा करने लगते थे.
फूलन देवी
चंबल की डाकुओं में फूलन देवी के नाम का खौफ था. गैंगरेप का शिकार होने के बाद फूलन देवी ने बंदूक उठाई थी. एक समय उनके नाम से लोग डरते थे. साल 2001 में सांसद बनी थी लेकिन उनकी हत्या हो गई थी.
मान सिंह
मान सिंह का नाम चंबल के खूंखार डाकुओं में आता है. मान सिंह आगरा के राजपूत परिवार से ताल्लकु रखता था. हालांकि कहा जाता है कि ये अमीरों से धन लूटकर गरीबों की मदद करता था.
वीरप्पन
वीरप्पन का नाम सुनते ही लोगों की रूहें कांप जाती हैं. बताया जाता है कि वीरप्पन इंसानों के साथ हाथियों की भी हत्या किया था. इसका साल 2004 में एनकाउंटर कर दिया गया था.
पान सिंह तोमर
पान सिंह तोमर का नाम सुनते ही लोगों के अंदर डर समा जाता है. जमीनी विवाद की वजह से पान सिंह डकैत बन गया था और लंबे समय तक चंबल में उसका खौफ रहा था.
निर्भय सिंह गुजर
निर्भय सिंह गुज्जर चंबल के बड़े डाकुओं में से एक था। निर्भय सिंह के पास करीब 80 डाकुओं की फौज थी. इस पर कई मामले दर्ज थे एक समय नेता उसके नाम से डरते थे. 2005 में पुलिस ने एनकाउंटर कर उसे मौत के घाट उतारा था.
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चंबल का पहला डाकू चंड महासेन था. जो व्यापारियों को लूटता था. सामान न देने पर उनकी हत्या कर देता था.
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चंड महासेन अपना अधिकार छिन जाने के बाद ऐसे रास्ते पर चला और डकैत बनने पर मजबूर हो गया.
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चंबल के इन डाकुओं की कहानी इतिहास में काफी फेमस है. आज भी लोग इनके आतंक के बारे में सुनते हैं तो कांप जाते हैं.