देश की राजधानी दिल्ली में स्थित कुतुबमीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर है, इसे देखने के लिए दूर - दूर से लोग आते हैं, हालांकि छत्तीसगढ़ में स्थित जैतखाम की ऊंचाई इससे भी ज्यादा है, आइए जानते हैं इसके बारे में.
Abhinaw Tripathi
Nov 11, 2024
जैतखाम
छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में जैतखाम का निर्माण किया गया है, इसकी ऊंचाई कुतुबमीनार से भी ज्यादा है. सफेद रंग के इस स्तंभ का वास्तु शिल्प इतना ज्यादा शानदार है.
मेला
यह गिरौदपुरी सतनामी समाज के लोगों का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल है. यहां पर हर साल फागुन पंचमी पर मेला लगता है.
गिरौदपुरी
गुरु घासीदास जी का जन्म छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के गिरौदपुरी गांव में 18 दिसंबर सन 1756 को हुआ था.
तपस्या
युवा अवस्था में उन्होंने घने जंगलों से परिपूर्ण छाता-पहाड़ के नाम से प्रसिद्ध पर्वत पर कठोर तपस्या की थी.
मानवता
इस तपस्या के बाद उन्होंने गिरौदपुरी पहुंचकर लोगों को सत्य, करुणा, दया, अहिंसा और परोपकार के उपदेशों के साथ मानवता का संदेश दिया था.
क्या है अर्थ
जैतखाम छत्तीसगढ़ का एक शब्द है. जैत का अर्थ जय और खाम का अर्थ खम्भा होता है. जहां- जहां सतनामी रहते हैं वहां इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है.
गुरु घासीदास
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से करीब 145 किलोमीटर दूर गिरौदपुरी गांव बाबा गुरु घासीदास की जन्म स्थली है.
कब हुआ निर्माण
यहां सतनामियों की संख्या ज़्यादा है. जैतखाम के प्रति आस्था को देखते हुए साल 2014 को सुंदर और भव्य जैतखाम बनाया गया है.
ऊंचाई
मिली जानकारी के अनुसार पता चला है कि इस जैतखाम की ऊंचाई 77 मीटर है जबकि कुतुब मीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर है.