यहां शादी से पहले 7 दिन तक साथ रहते हैं लड़का- लड़की

Abhinaw Tripathi
May 26, 2024

Ghotul Tradition

ऑरेंज मैरिज में शादी से पहले लड़का- लड़की एक दूसरे से मिलना चाहते हैं. ताकि एक दूसरे को जान सके, छत्तीसगढ़ के मुरिया और माड़िया जनजाति में एक ऐसी प्रथा का पालन होता है जिसमें शादी से पहले 7 दिन तक लड़का- लड़की एक दूसरे को जानने के लिए साथ रहते हैं.

यह प्रथा मुख्यत बस्तर के मुरिया और माड़िया जनजाति के आदिवासियों में प्रचलित है.

इस प्रथा का नाम है घोटुल प्रथा, इसमें शादी से पहले 7 दिन तक लड़का- लड़की साथ रहते हैं.

घोटुल उस स्थान को कहा जाता है, जहां आदिवासी उत्सव मनाते हैं. घोटुल को गांव के किनारे बनाया जाता है. घोटु मिट्टी-लकड़ी आदि से बनी एक बड़ी-सी कुटिया को कहते हैं.

घोटुल में भाग लेने वाली युवतियों को मोतियारी एवं लड़कों को छेलिक तथा उनके प्रमुख को बेलोसा एवं सरदार कहा जाता है.

इसमें आदिवासी समुदाय की युवक-युवतियां को, बुजुर्ग व्यक्ति की देख-रेख में, आपस में मिलने-जुलने, जानने-समझने का अवसर दिया जाता है.

कई इलाकों में लड़के-लड़कियां घोटुल में ही सोते हैं तो कुछ में दिनभर साथ रहने के बाद वो अपने अपने घरों में सोने जाते हैं.

घोटुल के आस- पास शाम को लड़के-लड़कियां यहां धीरे-धीरे ग्रुप में गाते हुए ही घोटुल तक पहुंचते हैं. इस दौरान विवाहित पुरुष ढोल बजाते हैं और युवा डांस और नृत्य करते हैं. इसके बाद आपस में चर्चा करते हैं.

घोटुल प्रथा में युवक और युवती को अपना साथी चुनने के लिए 7 दिन दिए जाते हैं. इसमें लड़कों के लिए 21 वर्ष और लड़कियों के लिए 18 वर्ष निश्चित की गई है.

VIEW ALL

Read Next Story