Gayatri Mantra ke Upay

सुबह उठने के बाद बच्चे से लेकर बूढ़े तक गायत्री मंत्र का जाप करते हैं. बच्चा जब बोलना सीखता है तो उसे इस मंत्र का उच्चारण करना सिखाया जाता है. इस लिहाज से इस मंत्र के कई मायने हैं आइए जानते हैं कि इस मंत्र का कितनी बार उच्चारण करना चाहिए, उच्चारण करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

Zee News Desk
Jun 13, 2023

ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्

गायत्री मंत्र 24 अक्षरों से बना है. इस मंत्र का ज्यादातर संख्या में लोग सुबह या फिर शाम में जप करते हैं.

हिंदू धर्म में इस मंत्र की काफी ज्यादा मान्यता है. इसका जप करने से लोगों की घर की स्थिति ठीक होती है और मां की कृपा होती है. जिससे परिवार में बरकत आती है.

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जब भी आप गायत्री मंत्र का जप करें उस समय आप तन मन स्वच्छ होना चाहिए.

गायत्री मंत्र का जप करते समय आप अपने कपड़े पर विशेष ध्यान दें. इस दौरान आप सूती वस्त्र धारण करें.

ज्योतिष के जानकारों की मानें तो इस मंत्र का जप करते समय कुशा का आसन प्रयोग में लाना चाहिए. इससे पॅाजिटिव एनर्जी आएगी और आर्थिक स्थित ठीक होगी.

गायत्री मंत्र का जाप करते समय आप रुद्राक्ष की माला या फिर तुलसी चंदन की माला का इस्तेमाल कर सकते हैं.

सुबह मंत्र का जप करते समय पूर्व दिशा की ओर और शाम में जप करते समय पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए.

ज्योतिष शास्त्र की मानें तो गायत्री मंत्र का जाप करते समय आपको यह मंत्र ऊंची आवाज में नहीं पढ़ना है यानि की धीमें स्वर में इसे पढ़ें.

गायत्री मां को वेदों की जननी कहा जाता है. गायत्री रूपी गंगा से आत्मा पवित्र हो जाती है. शास्त्रों में गायत्री मंत्र को भी महामन्त्र कहा गया है. इससे शरीर सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ता है.

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