गोपाल दास नीरज जी की ये शायरियां बना देंगी दीवाना

Abhinaw Tripathi
Nov 18, 2024

Gopal Das Neeraj

अक्सर लोग शायरियां पढ़ना पसंद करते हैं, परेशानियों से निजात दिलाने में शायरियां सहायक होती है, ऐसे लोगों को हम बताने जा रहे हैं गोपाल दास नीरज जी की कुछ चुनिंदा शायरियों के बारे में.

मज़हब

अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए, जिस में इंसान को इंसान बनाया जाए.

कम

जितना कम सामान रहेगा, उतना सफ़र आसान रहेगा.

अंधियार

है बहुत अंधियार अब सूरज निकलना चाहिए, जिस तरह से भी हो ये मौसम बदलना चाहिए.

बड़ा

बड़ा न छोटा कोई फ़र्क़ बस नज़र का है, सभी पे चलते समय एक सा कफ़न देखा.

मेरे घर

मेरे घर कोई ख़ुशी आती तो कैसे आती, उम्र-भर साथ रहा दर्द महाजन की तरह.

खुशी

खुशी जिसने खोजी वो धन लेकर लौटा, हंसी जिसने खोजी वो चमन लेकर लौटा.

औरों

औरों का धन सोना चांदी अपना तो धन प्यार रहा, दिल से दिल का जो होता है, वो अपना व्यापार रहा

अंधियारा

अंधियारा जिससे शरमाए उजियारा जिसको ललचाए, ऐसा दे दो दर्द मुझे तुम मेरा गीत दीया बन जाए.

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