गुरु पूर्णिमा पर आपकी सोच बदल सकते हैं वेदव्यास जी के विचार
Abhinaw Tripathi
Jul 13, 2024
Guru Purnima 2024
देश भर में आज गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जा रहा है. इस मौके पर लोग गुरुओं को तोहफा देते हैं. इस दिन महर्षि वेदव्यास जी की पूजा करते हैं. साथ ही साथ अगर आप चाहते हैं कि आपका जीवन सुखमय गुजरे तो व्यास जी के विचारों को पढ़ सकते हैं
विद्वान पुरुष
अभीष्ट फल की प्राप्ति हो या न हो, विद्वान पुरुष उसके लिए शोक नहीं करता.
अमृत और मृत्यु
अमृत और मृत्यु दोनों इस शरीर में ही स्थित हैं.
धर्म को हानि
अत्यंत लोभी का धन और अधिक आसक्ति रखने वाले का काम- ये दोनों ही धर्म को हानि पहुंचाते हैं.
बुद्धि बल होता
अधिक बलवान तो वे ही होते हैं जिनके पास बुद्धि बल होता है.
सज्जनता पर अतिक्रमण
जो सज्जनता पर अतिक्रमण करता है उसकी संपत्ति, आय, यश, धर्म सब नष्ट हो जाता है.
शरीर में स्थित
अमृत और मृत्यु दोनों इस शरीर में स्थित है. मनुष्य मोह से मनुष्य को सत्य और अमृत प्राप्त होता है.
दूसरे के लिए
दूसरे के लिए वही चाहो जो तुम अपने लिए चाहते हो.
कहां जय है
जहां कृष्ण है वहां धर्म है और जहां धर्म है वहां पर जय है.