छत्तीसगढ़ में यहां पर माता पार्वती ने ली थी भगवान राम की परीक्षा!
Abhinaw Tripathi
Jan 02, 2025
Religious Story
छत्तीसगढ़ में कई ऐसे मंदिर हैं जो अपनी ऐतिहासिकता के लिए दुनिया भर में फेमस है, ऐसा ही एक मंदिर छत्तीसगढ़ के बालोद जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर नारागांव के जंगलों और पहाड़ों के बीच स्थित है, जिसे लेकर कहा जाता है कि यहीं पर माता पार्वती ने भगवान राम की परीक्षा ली थी.
सियादेवी मंदिर
छत्तीसगढ़ के बालोद जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर नारागांव के जंगलों और पहाड़ों के बीच स्थित सियादेवी मंदिर है. मंदिर परिसर में पत्थर की मूरत में शेर स्थापित है.
लोहे की जंजीर
इस शेर के गले में लोहे की जंजीर लगी है जिसे आज तक किसी ने खोलने का प्रयास भी नहीं किया. ऐसी मान्यता है कि जब राम को वनवास हुआ था तो माता पार्वती राम की परीक्षा लेने के लिए इसी जंगल मे पहुंचीं थीं.
माता सीता का रूप
उस दौरान माता पार्वती ने माता सीता का रूप धारण किया और भगवान राम के पास परीक्षा लेने पहुंचीं थी. लेकिन माता सीता के रूप में होने के बावजूद भगवान राम ने उन्हें पहचान लिया था.
इतिहास
वह असली रूप में आईं और अपनी सवारी शेर को वहीं लोहे की जंजीर से बांधकर लुप्त हो गई. उसी समय से वह शेर वहां पर बंधा हुआ है.
नहीं लगी है जंग
ऐसा कहा जाता है कि सैकड़ों साल पहले लोहे की जंजीर से बंधे शेर जिस जंजीर से बंधे हैं वह आज तक जंग नहीं लगा है.
लोगों ने बनाई योजना
साल 1963 में स्थानीय लोगों ने माता के मंदिर बनाने की योजना बनाई और जंगल मे ही ईंट का भट्ठा तैयार किया. उसी दिन रात में अचानक तेज बारिश हुई
तैयार हुई ईंट
लोगों ने सोचा की भट्ठा तबाह हो गया होगा और भट्ठे में रखा ईंट घुल गया होगा लेकिन जब लोगों ने सुबह आकर देखा तो भट्ठे के आसपास पानी भरा हुआ था लेकिन ईंट को कुछ नहीं हुआ और पककर तैयार भी हो चुका था.
बनाया मंदिर
फिर बेल के गुदे और गुड़ से ईंट की जोड़ाई की और माता का आशियाना तैयार हुआ जहां पर काफी संख्या में लोग आते हैं. सियादेवी माता का मंदिर न केवल आस्था का केंद्र है बल्कि पर्यटन की दृष्टिकोण से भी एक अच्छा केंद्र है.