तोते के इस श्राप के कारण माता सीता को श्रीराम से रहना पड़ा था अलग!

Ranjana Kahar
May 04, 2024

ऐसा माना जाता है कि वनवास के दौरान माता सीता और श्री राम के अलग होने का कारण एक तोते का श्राप था.

आइए इस कहानी के बारे में मध्य प्रदेश के पंडित सच्चिदानंद त्रिपाठी से जानते हैं.

तोता-तोती का जोड़ा

पौराणिक कथा के अनुसार एक बार माता सीता अपनी बहनों के साथ खेल रही थीं. वहां तोतों का एक जोड़ा बैठा हुआ था. यह जोड़ा श्री राम और माता सीता के बारे में बात कर रहा था.

राजकुमारी सीता से होगा विवाह

तोता तोती आपस में बातें कर रहे थे कि श्री राम का जन्म हो गया है. वह एक महान और प्रतापी राजा बनेगें और उनका विवाह राजकुमारी सीता से होगा.

महर्षि वाल्मीकि

सीता जी ने तोते से पूछा उसे उनका नाम कैसे पता. तब तोते ने उन्हें बताया कि वह और उसकी पत्नी महर्षि वाल्मिकी के आश्रम में रहते हैं. ये सारी बातें महर्षि वाल्मिकी अपने शिष्यों को बताया करते थे.

माता सीता ने पकड़ा तोते को

भविष्य के बारे में जानने के लिए माता सीता ने महल में अपने साथ तोते का एक जोड़ा रखने की इच्छा व्यक्त की. लेकिन वे नहीं माने तब सीता जी ने उन दोनों को पकड़ने की कोशिश की. तभी नर तोता उड़ गया और उसकी पत्नी पकड़ी गई.

तोते की प्रार्थना

तोते ने अपनी पत्नी को मुक्त कराने के लिए माता सीता से प्रार्थना की कि वह उसे छोड़ दे क्योंकि उसकी पत्नी इस समय गर्भवती थी, लेकिन उस समय माता सीता छोटी थीं तो उन्होंने मना कर दिया.

श्राप

तब नर तोते ने माता सीता को श्राप दिया कि जिस प्रकार तुम्हारे कारण मुझे अपनी गर्भवती पत्नी से वियोग सहना पड़ेगा उसी प्रकार तुम्हें भी गर्भवती होने पर अपने जीवनसाथी से वियोग सहना पड़ेगा.

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