निराश होने पर पढ़ें प्रेमानंद के ये विचार; हो सकते हैं खुश

Abhinaw Tripathi
Nov 20, 2024

Premanand Maharaj Thoughts

परेशानियों में रहने के बाद लोग पढ़ना- लिखना पसंद करते हैं, कई कथावाचक ऐसे हैं जिनके विचारों को सुनना लोग पसंद करते हैं. ऐसे लोगों को हम बताने जा रहे हैं प्रेमानंद जी के विचारों के बारे में, जानते हैं.

व्यक्ति

कोई व्यक्ति तुम्हें दु:ख नहीं देता बल्कि तुम्हारे कर्म उस व्यक्ति के द्वारा दु:ख के रूप में प्राप्त होते हैं.

कर्तव्य

बजाय यह सोचने के कि उसका हमारे प्रति क्या कर्तव्य है, हम यह सोचे कि हमारा उसके प्रति क्या कर्तव्य है.

मरा हुआ

जिनके मुख में प्रभु का नाम नहीं है, वह भले ही जीवित है लेकिन मुख से मरा हुआ है.

तेरी गति

दुखिया को न सताइए दुखिया देवेगा रोए, दुखिया का जो मुखिया सुने, तो तेरी गति क्या होए.

बुराई

सत्य की राह में चलने वाले की निंदा बुराई अवश्य होती है, इससे घबराना नहीं चाहिए, यह आपके बुरे कर्मों का नाश करती है, जहां आपके लिए निंदा और बुराई हो, वहां आपके बुरे कर्मों का नाश हो जाता है.

ध्यान

ब्रह्मचर्य की रक्षा करें, ब्रह्मचर्य बहुत बड़ा अमृत तत्व है, मूर्खता के कारण लोग इसे ध्यान नहीं देते हैं.

कृपा

स्वयं को ईश्वर को समर्पित कर दो, यह जीवन जैसा भी है, उनका दिया हुआ है तुम्हारे पास जितने भी साधन संसाधन है, वह उनकी कृपा का प्रभाव है.

जीवन यापन

तुम जिसका भोग कर रहे हो, वह सब ईश्वर का है, ऐसे विचार के साथ कर्म करो, जीवन यापन करो, जीवन सुखमय होगा.

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