MP के भिंड जिले में चंबल नदी के किनारे देवगिरी पर्वत पर स्थित है अटेर का किला.
अटेर का किला को खूनी दरवाजा के नाम से भी जाता है.
भदौरिया वंश के राजा बदन सिंह ने 1664 से 1668 के बीच इस किले का निर्माण कराया था.
जनश्रुतियां हैं कि इस किले के दरवाजे पर भेड़ का सिर काटकर रखा जाता था.
वहीं, निचे एक कटोरा रखा जाता था, जिसमें खून टपकता था.
मान्यता है कि राजा से मिलने से पहले गुप्तचरों को इस खून का तिलक लगाना पड़ता था.
खूनी दरवाजे के अलावा, इस किले के मुख्य आकर्षण बदन सिंह का महल, हथियापोर, रानी का बंगला और खंभा महल हैं.
जानकारी के मुताबिक चंबल के इस किले का नाम पहले देवगिरी दुर्ग था.