पानी साफ पर नहाना है 'पाप'; जानिए क्यों श्रापित हुई MP की ये नदी

Abhinaw Tripathi
Oct 06, 2024

MP News

भारत देश में नदियों की पूजा होती है, इन नदियों को मां का दर्जा दिया गया है. लेकिन कई ऐसी नदियां हैं जिसकी पूजा नहीं होती है, इसमें से चंबल नदी श्रापित है, जानिए क्यों इसकी पूजा नहीं होती है.

श्रापित नदी

चंबल नदी एक श्रापित नदी है, ऐसे में इस नदी में नहाना पाप माना जाता है.

द्रौपदी ने दिया था श्राप

चंबल नदी को श्रापित नदी भी कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार द्रौपदी ने नदी को श्राप दिया था.

द्युत क्रीड़ा

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाभारत काल में चंबल के किनारे ही कौरवों और पांडवों के बीच द्युत क्रीड़ा हुई थी. इसमें पांडव द्रौपदी को दुर्योधन से हार गए थे.

द्रौपदी का श्राप

इससे आहत होकर ही द्रौपदी ने चंबल की पूजा-अर्चना से परहेज किए जाने का श्राप दिया था.

जानवरों के खून

इसके अलावा शास्त्रों के अनुसार इस नदी का उद्गम जानवरों के खून से हुआ है ऐसा माना जाता है,

राजा रंतिदेव

बताया जाता है कि राजा रंतिदेव ने हजारों यज्ञ व अनुष्ठान कराए थे. इन्हीं यज्ञों व अनुष्ठानों में कई निर्दोष पशुओं की बलि दी जाती थी.

पशुओं के रक्त

इन्हीं पशुओं के रक्त और बची हुई पूजन सामग्री से चर्मण्यवती यानी चंबल नदी का उद्गम माना जाता था.

प्राचीन नाम चर्मण्वती

चम्बल नदी का प्राचीन नाम चर्मण्वती बताया जाता है. जिसका मतलब है कि वह नदी जिसके किनारे चमड़ा सुखाया जाता है.

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