Satna kathawachika Palak Kishori Biography
मध्य प्रदेश के सतना की 17 वर्षीय पलक किशोरी अपनी भागवत कथा से लोगों को मंत्रमुग्ध कर देती है.
प्रसिद्ध कथावाचक जया किशोरी से प्रेरणा लेते हुए, उन्होंने भागवत कथा का अध्ययन शुरू किया और बिना किसी औपचारिक प्रशिक्षण के कथा करती हैं.
पलक किशोरी ने लॉकडाउन के दौरान रामायण और महाभारत का गहन अध्ययन किया और भागवत कथा में महारत हासिल की.
पलक का जन्म सतना में संतोष मिश्रा और आराधना मिश्रा के घर हुआ था. पलक ने 12वीं कक्षा की शिक्षा के दौरान भागवत कथा सुनाना शुरू किया.
पलक अपनी मधुर आवाज, स्पष्ट उच्चारण और प्रेरक प्रस्तुतियों के चलते बहुत जल्दी लोकप्रिय हो गईं.
पलक किशोरी का मकसद भगवान श्री कृष्ण की विचारों को फैलाना है. वे व्यक्तिगत लाभ पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय दुनिया को देने के उनके संदेश को मूर्त रूप देना चाहती हैं.
पलक अपनी कथाओं में भगवान श्री कृष्ण के जीवन और विचारों को सरल और आकर्षक तरीके से प्रस्तुत करती हैं.
पलक ने सतना और उसके बाहर कई मंदिरों और जगहों में भागवत कथा की है.
पलक किशोरी के श्रोताओं में सभी आयु वर्ग के लोग शामिल हैं. उनकी कथा और भक्तिमय गायन लोगों को प्रेरित करते हैं और उन्हें भगवान श्री कृष्ण के प्रति समर्पित करते हैं.