MP का रहस्यमयी ‘खूनी भंडारा’ बुझाता है प्यास; जानिए क्या है इतिहास
Abhinaw Tripathi
Oct 05, 2024
MP Historical Place
मध्य प्रदेश में कई अजब- गजब चीजे हैं, प्रदेश अपने रहस्यमयी चीजों के लिए जाना जाता है, ऐसे ही हम बताने जा रहे हैं खूनी भंडारे के बारे में जो काफी रहस्यमयी है, जानिए इसके बारे में.
मिली जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश के बुरहानपुर के रहस्यमयी ‘खूनी भण्डारे’ के इतिहास और उसे बनाने वाले वाले के बारे में. इन जलसुरंगों का इतिहास करीब पांच सदी पुराना है.
बुरहानपुर के इतिहासवेत्ता डॉ. मो. शफी की लिखी इबारत के मुताबिक कि ये वो दौर था, जब बुरहानपुर पानी के संकट से जूझ रहा था. पानी की वजह से लोगों को परेशानियां होती थी.
हालांकि पास में ही ताप्ती नदी बहती थी, लेकिन रियासतदारों को यह चिंता खाए जाती थी कि नदी में अगर किसी दुश्मन ने जहर मिला दिया, तो क्या होगा.
ऐसे में सतपुड़ा पर्वत शृंखला की पहाड़ियों के तराई क्षेत्र में खुदाई के बाद मीठे और खनिज तत्वों से भरपूर जलधाराओं का पता चला. इसके बाद रहीम खानखाना ने ऐसी अद्भुत जल संचय प्रणाली तैयार कराई.
ऐसा कहा जाता है कि मुगल शासनकाल में निर्मित धरोहर में सबसे बेहतर किसी चीज को माना जाता है, तो वह है यहां के जल भण्डार, जिनमें से एक है ‘खूनी भण्डारा’. इसके साथ ही खास हैं वह प्राचीन भूमिगत नहरें भी है.
जल सुरंगों की शक्ल में जमीन के अंदरूनी हिस्से को काटते हुए तराशे पत्थरों से बनाया गया है. इन प्राचीन सुरंगों को ‘कुंडी’ भी कहा जाता है. सुरंगें खास स्टाइल से बनाई गई हैं. ऊंचाई इतनी रखी गई है कि इनमें से घोड़े पर सवार व्यक्ति भी गुजर सकता है.
इन सुरंगों के रास्ते में बनी कुंडियों में ऊपर से रस्सी डालकर अनेक स्थानों पर आज भी पानी लिया जाता है. कुंडियों में लगभग 10 मीटर नीचे पानी एकत्रित होता है और कुंडियों के बीच की दूरी 20 से 30 मीटर की है.
ऐसा कहा जाता है कि इन जल सुरंगों से जामा मस्जिद तक पानी पहुंचाया जाता था, वहां से शहर के लिए सप्लाई होता था. इन जलसुरंगों की विशेषता यह थी कि इसमें बिना किसी मदद के शहर तक पानी पहुंच जाता था.
‘खूनी भण्डारा’ इसका नाम इसलिए पड़ गया होगा, क्योंकि यह बुरहानपुर रूपी शरीर के लिए उसी भूमिका में है, जिस तरह मानव शरीर में खून की भूमिका होती है. यदि खून नहीं है तो जिस्म कैसे काम करेगा.” यह भाव उस समय में जल प्रबंधन प्रणाली की महत्व को भी दर्शाता है.