हरम एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ पवित्र या वर्जित होता है.
मुगलों के हरम में बड़ी संख्या में हिजड़े शामिल थे जो पुरुषों के प्रवेश को रोकने के लिए जिम्मेदार थे.
मुगल साम्राज्य में हरम का प्रचलन बाबर के काल में शुरू हुआ था.
हालांकि अकबर ने मुगल साम्राज्य को संगठित करने और हरम के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
हरम में मौजूद महिलाओं को अपने पति के अलावा किसी और से मिलने की इजाजत नहीं थी.
बता दें कि जब डॉक्टरों को शाही परिवार में बुलाया जाता था, तो किन्नर हरम के आंतरिक वातावरण को देखने से रोकने के लिए अपना सिर ढंक लेते थे.
हरम में बच्चों का पालन-पोषण भी किया जाता था, जिसमें स्कूल, खेल के मैदान, स्नानघर, रसोई और शाही खजाने, दस्तावेजों और मुहरों के लिए भंडारण जैसी सुविधाएं होती थीं.
हरम में कुछ महिलाएं मुग़ल बादशाहों की रिश्तेदार थीं, जबकि अन्य को जबरन लाया गया या उपहार के रूप में दिया गया था.
अकबर के हरम में लगभग 5,000 महिलाएं थीं.
हरम में कुछ महिलाओं ने खुफिया जानकारी एकत्र करने वालों के रूप में कार्य किया और हरम के संबंध में अकबर द्वारा निर्धारित नियमों का बाद की पीढ़ियों में पालन किया गया.
हरम में महिलाओं को सम्राट की मृत्यु के बाद भी बाहरी दुनिया के साथ संबंध बनाने की मनाही थी.