मध्य प्रदेश में कैसे शुरू हुई अफीम की खेती ? जानें इतिहास

Apr 28, 2024

अकबर से जुड़ा इतिहास

इतिहास की बात करें तो भारत में ये अकबर के समय में 1556 से लेकर 1605 में पहुंची.

उत्तर भारत में अफीम

पहले अफीम की खेती उत्तर भारत के इलाकों में ही अधिकतर की जाती थी.

अंग्रेज MP में लाए

1773 में ब्रिटिश शासन ने अफीम की खेती को कब्जे में ले लिया और मध्य प्रदेश लेकर पहुंचे.

एक किस्म

पहले प्रदेश में केवल रंगीन फूलों वाली अफीम की किस्में बोई जाती थी.

ऐसे बढ़ा उत्पादन

बाद में, उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों ने ब्रिटिश सरकार ने किस्म बदली.

पहली फैक्ट्री

साल 1935 में अफीम प्रसंस्करण के लिए फैक्ट्री नीमच में खोली गई.

अल्कलॉइड कार्य

6 अक्टूबर 1976 से इसी फैक्ट्री में ही अल्कलॉइड कार्यों की शुरुआत हुई.

बनता है लाइसेंस

अब प्रदेश में अफीम की खेती के लिए हर साल लाइसेंस जारी किए जाते हैं.

इसके उत्पाद

अफीम से ही डोडा चूरा और खसखस यानी पोस्ता दाना तैयार होता है.

निगरानी क्यों ?

अफीम के पौधे के हर हिस्से का उपयोग नशे और औषधी के लिए होता है.

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